बहुजन संयुक्त मोर्चा के बैनर तले 22 आदिवासी संगठनों ने ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (इसीएल) के श्रीपुर एरिया के महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव किया. इसका नेतृत्व कर रहे संगठन के महासचिव सिंटू भुईंया ने कहा कि वे महाप्रबंधक से मिलने का समय लेकर आये थे, पर सैकड़ों महिलाओं समेत 2,000 से अधिक आदिवासियों के यहां पहुंचने पर महाप्रबंधक अपने कार्यालय में नहीं मिले. महाप्रबंधक ने गर्मी में लोगों को थका कर वापस भेजने की कोशिश की, पर आदिवासी हार माननेवाले नहीं हैं.
प्रमुख मांगें व आरोप
सिंटू भुईंया का आरोप है कि इसीएल अधिकारियों ने रोटीबाटी में एक आदिवासी के निर्माणाधीन घर को बिना किसी वैध दस्तावेज या नोटिस के ध्वस्त कर दिया. उन्होंने बताया कि महाप्रबंधक ने स्वीकार किया कि इसीएल के पास उस जमीन का कोई दस्तावेज नहीं है और एफआईआर दर्ज होने की बात कही, लेकिन प्राथमिकी की कॉपी नहीं दी. प्रदर्शनकारियों का इल्जाम है कि इसीएल ने घर तोड़ने के लिए एक लाख रुपये मांगे थे, जिसे देने में आदिवासी असमर्थ थे. सिंटू भुईंया ने 15 दिनों के अंदर मुआवजे का भुगतान नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी
श्रीपुर एरिया के महाप्रबंधक ने इन आरोपों का खंडन करते हुए अपना पक्ष रखते हुए कहा कि रोटीबाटी में जिस घर को तोड़ने की बात कही जा रही है, वह अवैध रूप से बनाया जा रहा था. निर्माण शुरू होने पर नोटिस दिया गया था, लेकिन बात नहीं मानी गई.जब निर्माण काफी ऊपर तक हो गया, तब कार्रवाई की गई और थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. उन्होंने बताया कि चरणपुर के लोगों को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 47 लोगों को स्थानांतरित भी कर दिया गया है. जिन लोगों का स्थानांतरण नहीं हो सका है, उन्होंने अपने बैंक खातों की पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है. महाप्रबंधक ने कहा कि कोलियरी में ब्लास्टिंग सभी मानकों को ध्यान में रखते हुए की जाती है और इससे घरों को नुकसान नहीं होता है. उन्होंने हालांकि, ऐसी शिकायतों की जांच का आश्वासन दिया. अधिकारियों द्वारा पैसे लेकर प्रमोटरों को जमीन उपलब्ध कराने के आरोप पर उन्होंने कहा कि आरोप निराधार हैं और कोलियरी की जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी के द्वारा भी किया जाए.
भुईंया ने यह भी आरोप लगाया कि कोलियरी प्रबंधन के कुछ अधिकारी पैसे लेकर अमीर लोगों को घर या अन्य निर्माण करने की अनुमति देते हैं, जबकि गरीब आदिवासियों के निर्माण को तोड़ दिया जाता है। उन्होंने ऐसे भेदभाव को बर्दाश्त नही करने की बात कही.
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