आसनसोल. देशबंधु महाविद्यालय की एनएसएस इकाई आठ से 14 जुलाई तक साक्षरता सप्ताह मना रही है. सोमवार से शुरू साक्षरता सप्ताह के दौरान जहां स्वयंसेवक पढ़ने के प्रति जागरूकता कार्यक्रम में लगे हुए हैं. वहीं, पुस्तकालय में स्वयंसेवक छात्रों से संवाद करते हैं और किताबें पढ़ने के प्रति जागरूकता फैलाते हैं. (पाठ्य, संदर्भ, शोध आधार, और भी बहुत कुछ) लाइब्रेरियन समयिता दत्ता ने पुस्तक पढ़ने के बारे में अपने विचार रखे और एनएसएस इकाई की पहल की सराहना की. छात्रों के पढ़ने की आदत में कमी आ रही है. उनके अनुसार ऐसे जागरूकता कार्यक्रम नियमित अंतराल पर होने चाहिए. पाठ्य पढ़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. वह स्वयंसेवक छात्रों से बात करते हैं और उनके विचार सुनते हैं और पढ़ने की इस घटती प्रवृत्ति के पीछे का कारण जानने की कोशिश करते हैं. उन्होंने निजी कोचिंग और उनके द्वारा बनाए गए नोट्स को भी दोषी ठहराया. पढ़ने की आदत का कोई विकल्प नहीं है. यह साक्षरता की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर देता है, जो व्यक्तियों और समाज के लिए है, तथा व्यक्तिगत सशक्तिकरण, आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति में इसकी भूमिका को उजागर करता है. इसे साक्षरता में भागीदारी को भी प्रोत्साहित करना चाहिए और पढ़ने के प्रति आजीवन प्रेम को बढ़ावा देना चाहिए. इसके माध्यम से हम व्यक्तिगत सशक्तिकरण, सामाजिक विकास और आर्थिक वृद्धि, आजीवन सीखने पर ध्यान केंद्रित करते हैं. कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ज्योतिमय बाग ने जागरूक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें 12 स्वयंसेवक उपस्थित रहे.
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