Basirhat Lok Sabha Seat : तृणमूल कांग्रेस के हांथों से निकल सकता है बशीरहाट, संदेशखाली का मुद्दा निभाएगा अहम भूमिका
Basirhat Lok Sabha Seat : भाजपा की ओर से संदेशखाली का मुद्दा इस चुनाव में जोरशोर से उठाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसे लेकर सभाओं में वक्तव्य रख चुके हैं. ऐसी स्थिति में भाजपा का मानना है कि संदेशखाली का मुद्दा कम से कम बशीरहाट में अपना जादू जरूर चलायेगा.
By Shinki Singh | May 29, 2024 3:34 PM
Basirhat Lok Sabha Seat : लोकसभा चुनावों में भाजपा पश्चिम बंगाल में भले ही भ्रष्टाचार, महिला सुरक्षा और राजनीतिक ताकत के दुरुपयोग के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) को पटखनी देने की फिराक में हो लेकिन बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र संदेशखाली के मुद्दे पर राज्य की अन्य सीट की तुलना में अधिक चर्चा में रहा है. बशीरहाट लोकसभा सीट के अंतर्गत सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिसमें से एक है संदेशखाली है. इस वर्ष की शुरुआत में संदेशखाली राष्ट्रीय सुर्खियों में रहा, जहां महिलाओं पर अत्याचारों और स्थानीय किसानों की जबरन जमीनें कब्जाने के आरोपों के बाद हुई जांच ने इस मुद्दे को और गर्मा दिया. ऐसा प्रतीत होता है कि संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार का मुद्दा बशीरहाट के सभी मुद्दों को दबाने में कामयाब रहा है.
तृणमूल को घेरने में जुटी हैं तमाम विपक्षी पार्टियां
उल्लेखनीय है कि संदेशखाली में महिलाओं के साथ अत्याचार होने के आरोपों के बाद राज्य की राजनीति में उफान आ गया है. तमाम विपक्षी पार्टियां इसे लेकर तृणमूल को घेर रही हैं. राज्य भर में इसे लेकर आंदोलन किये जा रहे हैं. उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट सबडिवीजन के अंतर्गत ही संदेशखाली-1 और संदेशखाली-2 ब्लॉक आते हैं. भाजपा की ओर से संदेशखाली का मुद्दा इस चुनाव में जोरशोर से उठाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसे लेकर सभाओं में वक्तव्य रख चुके हैं. ऐसी स्थिति में भाजपा का मानना है कि संदेशखाली का मुद्दा कम से कम बशीरहाट में अपना जादू जरूर चलायेगा.
टीएमसी ने हाजी नुरुल इस्लाम को टिकट दिया है जबकि बीजेपी ने संदेशखाली की पीड़िता रेखा पात्र को उम्मीदवार बनाया है. माकपा के उम्मीदवार नीरापद सरदार और आईएसएफ के उम्मीदवार मोहम्मद सहीदुल इस्लाम मोल्ला हैं. एसयूसीआई ने दाउद गाजी को मैदान में उतारा है.
बशीरहाट लोकसभा संसदीय क्षेत्र एक बड़ा हिस्सा सुंदरबन बस्तियों से घिरा है. यहां करीब 87.04 फीसदी आबादी ग्रामीण है और कुल जनसंख्या 2200148 है, जबकि मतदान केंद्र 2427 हैं. मुस्लिम आबादी लगभग 49 फीसदी और अनुसूचित जाति की आबादी करीब 25.34 फीसदी है. हिन्दुओं की अबादी लगभग 50 फीसदी है. अनुसूचित जनजाति की संख्या 6.56 % है. यहां घरों की संख्या 506112 है.
2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से बीजेपी ने बशीरहाट में अपनी ताकत बढ़ानी शुरू कर दी. 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 6.5 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन 2014 में यह बढ़कर 18.36 फीसदी हो गया. हालांकि, बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र तृणमूल के कब्जे में रहा. तृणमूल उम्मीदवार इदरीस अली को 4 लाख 92 हजार वोट मिले. सीपीआई उम्मीदवार नुरुल शेख को 3 लाख 82 हजार वोट मिले. वहीं बीजेपी उम्मीदवार शमिक भट्टाचार्य को 2 लाख 33 हजार वोट मिले. कांग्रेस के अब्दुर रहीम काजी को 1 लाख 2 हजार वोट मिले.
2019 में भाजपा ने अपने पांव इस क्षेत्र में और भी मजबूत कर लिये
2019 में भाजपा ने अपने पांव इस क्षेत्र में और भी मजबूत कर लिये. भाजपा के सायंतन बसु ने चार लाख 31 हजार 709 वोट हासिल किये. जो मतदान के कुल वोटों का 30.12 फीसदी था. यानी गत चुनाव से 11.76 फीसदी का इजाफा. 2019 के लोकसभा चुनाव में सायंतन बसु दूसरे स्थान पर रहे. जबकि 2014 में भाजपा उम्मीदवार शमिक भट्टाचार्य को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था. टॉलीवुड की स्टार अभिनेत्री नुसरत जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल का तुरुप का इक्का थीं. नुसरत की लोकप्रियता से बशीरहाट में तृणमूल को अतिरिक्त फायदा हुआ. नुसरत पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 782 हजार वोट पाकर बशीरहाट से सांसद बनीं. कांग्रेस के काजी अब्दुर रहीम को 1 लाख 4 हजार वोट मिले.