मेहताब ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि जब से उन्होंने भाजपा ज्वाइन किया है, तब से उनके प्रशंसक फोन कर ताना मार रहे हैं. प्रशंसकों के सुझावों पर विचार करते हुए उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि जब से वह राजनीति में शामिल हुए हैं. उनके परिवार का कोई भी सदस्य खुश नहीं है.
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उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत हित से उलट दूसरों का हित उनके लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है. वह एक राजनीतिक नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक फुटबॉलर के रूप में यादों में रहना चाहते हैं. फुटबॉल का मैदान ज्यादा पसंद है, राजनीति का नहीं. अचानक ही मैं राजनीति से जुड़ा था, लेकिन मुझे एहसास हुआ. उसके बाद मैंने खुद को पूरी तरह से राजनीति से अलग होने का निर्णय लिया हूं.
उल्लेखनीय है कि मंगलवार (21 जुलाई, 2020) को जब तृणमूल कांग्रेस शहीद सभा कर रही थी. खेल से संन्यास लेने के बाद वह प्रदेश भाजपा कार्यालय में श्री घोष की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए थे. श्री घोष ने राज्य मुख्यालय में उन्हें सदस्यता दिलायी थी.
34 वर्षीय मेहताब हुसैन मूलत: कोलकाता के ही रहने वाले हैं. बतौर रक्षात्मक मिडफील्डर अपने खेल का लोहा मनवा चुके हैं. हुसैन 2005 से 2015 तक भारतीय फुटबॉल टीम से भी जुड़े रहे. उन्होंने 10 सीजन तक ईस्ट बंगाल के लिए फुटबॉल खेला है. इस दौरान ये टीम 3 बार फेडरेशन कप की चैंपियन बनी थी.
Posted By : Samir ranjan.