संदेशखाली में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या से संबंधित मामला
न्यायमूर्ति ने एक अप्रैल को पूरक आरोपपत्र को अदालत की अवमानना बताया और राज्य पुलिस के खिलाफ आवश्यक नियम जारी करने की चेतावनी दी. यह मामला संदेशखाली में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या से संबंधित एक पुराने केस से जुड़ा है, जिसमें राज्य पुलिस ने शाहजहां का नाम शामिल किए बिना आरोपपत्र दायर किया था. पीड़ित परिवारों के सदस्यों ने बाद में आरोपपत्र में शाहजहां का नाम शामिल न करने पर आपत्ति जताते हुए न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल-न्यायाधीश पीठ का दरवाजा खटखटाया.
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राज्य पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर अंतरिम रोक लगा दी थी
इसके बाद पीठ ने हाल ही में राज्य पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर अंतरिम रोक लगा दी थी. हालांकि, जब मामला एक अप्रैल को सुनवाई के लिए आया, तो न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने कहा कि राज्य पुलिस ने उस मामले में एक पूरक आरोपपत्र तब दायर किया है जबकि अंतरिम स्थगन आदेश लागू था. इसके बाद, न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और सवाल किया कि अदालत द्वारा जांच पर रोक लगाने के बाद राज्य पुलिस पूरक आरोपपत्र कैसे दाखिल कर सकती है. उन्होंने राज्य पुलिस को पूरक आरोप-पत्र तुरंत वापस लेने या अदालत की अवमानना के आरोपों का सामना करने का निर्देश दिया था.
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