Abhijit Ganguly : मुख्यमंत्री के खिलाफ तृणमूल की शिकायत के बाद निर्वाचन आयोग ने अभिजीत गांगुली को नोटिस जारी किया
अभिजीत गंगोपाध्याय को शोकॉज का जवाब 20 मई यानी अगले मंगलवार तक देने को कहा गया है. यदि वह निर्दिष्ट अवधि के भीतर आयोग के पत्र का जवाब नहीं देते हैं, तो आयोग यह मान लेगा कि उनका कोई बयान नहीं है और अभिजीत के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी
By Shinki Singh | May 17, 2024 5:53 PM
Abhijit Ganguly : पश्चिम बंगाल में निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार अभिजीत गांगुली (Abhijit Ganguly) को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ उनकी ‘अनुचित, विवेकहीन और अशोभनीय’ टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अभिजीत गंगोपाध्याय को शोकॉज का जवाब 20 मई यानी अगले मंगलवार तक देने को कहा गया है. यदि वह निर्दिष्ट अवधि के भीतर आयोग के पत्र का जवाब नहीं देते हैं, तो आयोग यह मान लेगा कि उनका कोई बयान नहीं है और अभिजीत के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी, आयोग ने यह भी जानकारी दी है. भाजपा ने गंगोपाध्याय को पश्चिम बंगाल की तमलुक सीट से मैदान में उतारा है, जहां 25 मई को मतदान होगा.
अभिजीत ने 15 मई को हल्दिया की बैठक में ममता बनर्जी पर की थी टिप्पणी
अभिजीत गांगुली ने 15 मई को हल्दिया में एक सार्वजनिक बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संबोधित करते हुए कहा था, हमारी उम्मीदवार रेखा पात्रा गरीबों के घर काम करती हैं और खाना खाती हैं. ममता बनर्जी कुछ ज्यादा ही खूबसूरत हैं. उसके लिए रेखा पात्र 2 हजार रुपये में खरीदा जा सकता है. हम सोच भी नहीं सकते कि एक महिला दूसरी महिला के बारे में ऐसा कैसे कह सकती है. ममता बनर्जी एक महिला हैं. ममता बनर्जी आप कितने पैसे में बिकती हैं ? अगर तुम्हारे हाथ में 8 लाख रुपये हैं तो मुझे नौकरी दे दो. अभिजीत की टिप्पणियों का विरोध करते हुए सत्तारूढ़ दल ने शुक्रवार सुबह उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए आयोग का दरवाजा खटखटाया है.
तृणमूल ने अभिजीत गांगुली के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
चुनाव आयोग को लिखी शिकायत में तृणमूल कांग्रेस ने मांग की थी कि अभिजीत गंगोपाध्याय के खिलाफ “भारतीय दंड संहिता का उल्लंघन” करने के लिए आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए. इसके साथ ही पार्टी ने यह भी मांग की कि अभिजीत गंगोपाध्याय के सभी चुनाव अभियानों पर प्रतिबंध लागू किया जाए. उन्हें कोई भी सार्वजनिक बैठक या जुलूस नहीं निकालना चाहिए. इसके अलावा, पत्र में अभिजीत गंगोपाध्याय सहित सभी भाजपा नेताओं को इस तरह के “व्यक्तिगत हमले और आक्रामक और अपमानजनक टिप्पणियां” करने से बचने के लिए भी कहा गया है. तृणमूल की शिकायत के बाद ही तमलुक के बीजेपी उम्मीदवार को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था.