सीएम ममता की आपत्ति पर श्री निशंक ने जवाब देते हुए कहा कि सिलेबस में कटौती को लेकर बिना जानकारी के कई तरह की बातें कही जा रही हैं. ये मनगढ़ंत बातें केवल सनसनी फैलाने के लिए की जा रही हैं. शिक्षा में राजनीति नहीं होनी चाहिए, शिक्षा से इसे दूर ही रखना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण उत्पन्न हुए मौजूदा हालात को देखते हुए सीबीएसइ के सिलेबस में कक्षा 9 से 12 तक 30 प्रतिशत कटौती करने का निर्णय लिया गया है. सीबीएसइ सिलेबस से कुछ टॉपिक्स को हटाये जाने को लेकर सनसनीखेज तरीके से टिप्पणियों को पेश किया जा रहा है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक गलत नैरेटिव सेट किया जा रहा है. शिक्षा हमारे बच्चों के प्रति हमारा कर्तव्य है. विनम्र निवेदन है कि हमें शिक्षा से राजनीति को अलग रखना चाहिए. अपनी राजनीति को और अधिक शिक्षित बनाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण यह फैसला लिया गया है. 3 से 4 टॉपिक्स जैसे राष्ट्रवाद, स्थानीय सरकार, संघवाद को सिलेबस से बाहर करने पर एक नैरेटिव बना लेना आसान है, लेकिन सभी विषयों के सिलेबस में कटौती की गयी है.
पाठ्यक्रम में सीबीएसइ द्वारा की गयी इस कटौती का असर 11वीं कक्षा में पढ़ाये जाने वाले संघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे अध्यायों पर दिखेगा. सीबीएसई ने इन सभी अध्यायों को मौजूदा 1 वर्ष के लिए सिलेबस से हटा दिया है.
Posted By : Samir ranjan.