Lok Sabha Election 2024 : दार्जिलिंग, रायगंज, बालुरघाट में दिग्गज नेताओं के बीच होगी कांटे की टक्कर

Lok Sabha Election 2024 : दूसरे चरण के चुनाव में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, राज्य के मंत्री बिप्लव मित्रा, राजू बिष्ट, कृष्ण कल्याणी, अली इमरान रम्ज (विक्टर) जैसे हेवीवेट चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि चुनावी टक्कर काफी जबरजस्त होने वाला है.

By Shinki Singh | April 25, 2024 4:43 PM
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Lok Sabha Election 2024 : पश्चिम बंगाल के उत्तर बंगाल की 3 सीटों दार्जिलिंग, रायगंज और बालुरघाट में कल चुनाव होने वाला है. उल्लेखनीय है कि तीनों ही सीटों पर गत 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में भाजपा की जीत हुई थी.हालांकि इस बार चुनाव के दौरान तृणमूल की ओर से इन सीटों पर कब्जा करने के लिये पुरजोर कोशिश जारी है. सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव प्रचार के दौरान पूरी ताकत झोंक दी है. दूसरे चरण के चुनाव में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, राज्य के मंत्री बिप्लव मित्रा, राजू बिष्ट, कृष्ण कल्याणी, अली इमरान रम्ज (विक्टर) जैसे हेवीवेट चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि चुनावी टक्कर काफी जबरजस्त होने वाला है.

दार्जिलिंग में इस बार होगा त्रिकोणीय मुकाबला

दार्जिलिंग में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना जतायी जा रही है. भाजपा के टिकट से इस बार भी राजू बिष्ट चुनाव लड़ रहे हैं जो पिछली बार 4 लाख से अधिक वोटों से जीते थे. वहीं टीएमसी ने गोपाल लामा को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने शिक्षाविद् मुनीश तमांग पर भरोसा जताया है. मुनीश तमांग को स्थानीय हामरो पार्टी का समर्थन भी मिल रहा है. इधर, भाजपा के कर्सियांग से विधायक विष्णु प्रसाद शर्मा इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि दार्जिलिंग से भाजपा ने भूमिपुत्र को इस बार टिकट नहीं दिया है जिसे लेकर उनमें नाराजगी है. यहां उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 से ही दार्जिलिंग में भाजपा के सांसद जीतते आ रहे हैं.

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बालुरघाट में बिप्लव मित्रा और सुकांत मजूमदार के बीच टक्कर

लंबे समय तक आरएसपी का गढ़ रहे बालुरघाट लोकसभा क्षेत्र में वर्तमान में भाजपा ने अपनी स्थिति मजबूत करते हुए गत लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की, जबकि 2014 में राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद तृणमूल उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी. लेकिन फिर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार यहां से 2019 में सांसद बन गये. अब इस सीट को वापस हासिल करने के लिए तृणमूल ने राज्य के मंत्री को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा को यकीन है कि यहां उसका किला कायम रहेगा. इधर आरएसपी को उम्मीद है कि इस सीट पर एक बार फिर उनके उम्मीदवार को विजय प्राप्त होगी. इस सीट पर दिलचस्प लड़ाई की संभावना जतायी जा रही है.

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रायगंज में सभी दूसरी पार्टियों से आये उम्मीदवार मैदान में

रायगंज में इस बार सभी दूसरी पार्टियों से आये उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. भाजपा ने यहां से कार्तिक चंद्र पॉल को टिकट दिया है जो कांग्रेस से भाजपा में आये हैं. वहीं तृणमूल से कृष्ण कल्याणी चुनाव लड़ रहे है. इसी तरह कांग्रेस ने अली इमरान रम्ज (विक्टर) को उतारा है जो पहले फॉरवर्ड ब्लॉक में थे. रायगंज लोकसभा क्षेत्र से कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धार्थ शंकर रे सांसद चुने गए थे. बाद में कांग्रेस नेता प्रियरंजन दासमुंशी व उनकी पत्नी दीपा दासमुंशी को लेकर यह क्षेत्र चर्चा में रहा. इस क्षेत्र का समीकरण समझना राजनीतिक दलों के लिए काफी मुश्किल है. राजनीति यहां कब करवट लेगी, यह कहना मुश्किल है. 

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