बंगाल सरकार को कोर्ट का स्पष्ट निर्देश- ‘कोई गड़बड़ी न हो’
शुक्रवार को जस्टिस जॉय सेनगुप्ता की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. सवाल-जवाब सत्र के दौरान जज का राज्य के वकील से सवाल, इस बैठक की अनुमति न देकर आप किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं ? धारा 144 पहले नहीं थी लेकिन केस दर्ज होने के बाद ही वहां धारा 144 जारी कर दी गई. यह जानबूझकर किया गया है. दरअसल, बैठक रोकने के लिए धारा 144 जारी की गई थी. आप इससे कैसे इनकार कर सकते हैं ? अदालत ने निर्देश दिया कि रैली में ऐसा कुछ न कहा जाए जिससे इलाके में कानून व व्यवस्था की स्थिति बिगड़े. यह इलाका संदेशखाली के समीप है.
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अदालत ने कई दिशा- निर्देश भी जारी किये
तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शाहजहां शेख का आवास नजत थाना क्षेत्र के एक गांव में है. शेख प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमला करने के संबंध में अभी सीबीआई की हिरासत में है.वह संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार करने तथा जमीन पर कब्जा करने के मामलों में भी आरोपी है.अधिकारी के अनुरोध पर न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने उन्हें 10 मार्च को सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे के बीच जनसभा करने की अनुमति दे दी. उनके वकीलों ने पहले नजत थाना क्षेत्र के तहत आने वाले सुंदरीखालि गांव में जनसभा करने की अनुमति मांगी थी लेकिन अदालत ने उनसे किसी वैकल्पिक स्थान का सुझाव देने को कहा था. राज्य सरकार ने सुंदरीखालि में जनसभा करने संबंधी याचिका का विरोध किया था. इसके बाद अदालत ने अधिकारी को अकरातला में जनसभा करने की अनुमति दे दी.
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