कौन कर रहा प्रयास? Nimisha Priya Execution
इस प्रयास में भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम ए. पी. अबूबक्कर मुसलियार भी मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं. उनके प्रतिनिधि पीड़ित तालाल अब्दो महदी के परिवार से संपर्क में हैं. खास बात यह है कि पहली बार मृतक के किसी करीबी रिश्तेदार ने भी बातचीत में भाग लिया है. शरिया कानून के तहत पीड़ित परिवार चाहे तो दोषी को माफ कर सकता है बिना शर्त या ब्लड मनी के बदले.
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माना जा रहा है कि अगर परिवार मुआवजा स्वीकार करता है, तो फंड जुटाना मुश्किल नहीं होगा. अब्दुल रहीम को सऊदी अरब से छुड़वाने में अहम भूमिका निभाने वाले ट्रस्ट ने इस बार भी ₹11 करोड़ देने की पेशकश की है. कारोबारी एम. ए. यूसुफ अली और बॉबी केमेनूर ने भी ₹1-1 करोड़ का सहयोग देने का वादा किया है.
भारत सरकार ने क्या कहा? Nimisha Priya Execution
सरकार की ओर से भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटारमणि ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारत ने अपनी पूरी कूटनीतिक कोशिशें कर ली हैं. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को 18 जुलाई तक का समय दिया है ताकि वे यमन में पीड़ित के परिवार से बातचीत कर सकें. इस बीच निमिषा की मां और एक सामाजिक कार्यकर्ता यमन में मौजूद हैं.
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निमिषा प्रिया को 2020 में यमनी अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. उस पर आरोप है कि उसने अपने बिजनेस पार्टनर महदी को केटामीन का इंजेक्शन दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई. परिवार का कहना है कि महदी ने धोखाधड़ी कर उसे अपनी पत्नी घोषित कर दिया था, पासपोर्ट जब्त कर लिया था और लंबे समय तक प्रताड़ित किया. दस्तावेज वापस लेने की कोशिश में यह हादसा हुआ. भारत की यमन में कूटनीतिक मौजूदगी नहीं होने से मामला बेहद जटिल हो गया है, लेकिन अंतिम वक्त में हो रही बातचीतों से एक उम्मीद जरूर बनी है.