Afghan Refugees : हमें मत निकालो ईरान से! क्या अफगान शरणार्थी करते हैं जसूसी, 15.7 लाख को धकेला गया बाहर

Afghan Refugees : इस साल अब तक ईरान ने 15.7 लाख से अधिक अफगान शरणार्थियों को देश से वापस भेज दिया है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के अनुसार, ईरान दुनिया की सबसे बड़ी शरणार्थी आबादी को आश्रय देने वाले देशों में शामिल है. ईरान को शक है कि अफगान शरणार्थी इजराइल के जासूस हैं. इजराइल और अमेरिका ने अफगान नागरिकों को भर्ती किया है.

By Amitabh Kumar | July 22, 2025 12:43 PM
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Afghan Refugees : यूनाइटेड नेशन हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजी (UNHCR) की नई रिपोर्ट के अनुसार, 20 मार्च से अब तक 13 लाख से अधिक अफगान शरणार्थियों को ईरान से अपने देश लौटने के लिए मजबूर किया गया है. यह रिपोर्ट 16 जुलाई को प्रकाशित हुई, जिसमें यह भी कहा गया है कि इस वर्ष अब तक ईरान ने 15.7 लाख से अधिक अफगान शरणार्थियों को देश से बाहर कर दिया है. UNHCR के अनुसार, ईरान दुनिया की सबसे बड़ी शरणार्थी आबादी को आश्रय देता है, जिनमें लगभग 95% यानी लगभग 40 लाख अफगान नागरिक हैं. हालांकि ईरान का दावा है कि यह संख्या छह मिलियन (60 लाख) के करीब है.

ईरान में इतने अधिक अफगान शरणार्थी क्यों हैं?

पिछले 40 वर्षों से अफगानिस्तान लगातार संघर्ष, आर्थिक संकट, प्राकृतिक आपदाओं, गरीबी और खाद्य संकट से जूझता रहा है. सोवियत आक्रमण, गृहयुद्ध, अमेरिका के नेतृत्व में हस्तक्षेप और तालिबान विद्रोह से बचने के लिए लाखों अफगान नागरिकों ने देश छोड़कर भागने का रास्ता अपनाया. समय के साथ बड़ी संख्या में इन शरणार्थियों ने पड़ोसी देश ईरान में शरण ली. हालांकि अगस्त 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद यह संख्या तेजी से बढ़ी. इससे गंभीर मानवीय संकट और खासकर लड़कियों व महिलाओं के लिए स्थिति और भी खराब हो गई. वर्तमान में हर दिन 20,000 से अधिक अफगान नागरिक ईरान की सीमा पार कर रहे हैं.

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ईरान में शरण लेने वाले अफगान नागरिक मुख्य रूप से काबुल, हेरात, बाल्ख, नंगरहार और हजारा क्षेत्रों से आए हैं. अब इनकी बड़ी आबादी रजवी खोरेसान, सिस्तान और बलूचिस्तान, खोरेसान, तेहरान और यज्द जैसे प्रांतों में बस चुकी है, विशेष रूप से निम्न-आय वाले इलाकों में इनकी संख्या अधिक है.

अमायेश कार्डधारक वे शरणार्थी को मिलता है खास लाभ

ईरान में अफगान शरणार्थियों की कानूनी स्थिति उनके दस्तावेजों के आधार पर भिन्न होती है. अमायेश कार्डधारक वे शरणार्थी हैं जो 2003 से पहले ईरान में आए थे. उन्हें संपूर्ण शरणार्थी पंजीकरण योजना (Comprehensive Refugee Registration Plan) में रखा गया है. इसे अमायेश के नाम से जाना जाता है. वर्तमान में लगभग 7.8 लाख लोगों के पास अमायेश कार्ड है, जो उन्हें सीमित रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है.

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एक छोटी संख्या में अफगान शरणार्थियों के पास वैध अफगान पासपोर्ट और ईरानी वीजा है. तीसरी श्रेणी में वे शरणार्थी आते हैं जो हेडकाउंट स्लिप के आधार पर रजिस्टर्ड हैं. यह एक अस्थायी दस्तावेज होता है जिसे अफगान शरणार्थियों को रजिस्ट्रेशन के उद्देश्य से दिया गया था. ये स्लिप 20 मार्च को समाप्त हो गईं, और ईरानी सरकार ने 6 जुलाई तक की अंतिम तिथि तय की थी, जिसके भीतर इन लोगों को या तो वैध दस्तावेज बनवाने थे या फिर देश छोड़ना था.

अधिकांश अफगान शरणार्थी बिना दस्तावेजों के

हालांकि, अधिकांश अफगान शरणार्थी बिना दस्तावेजों के हैं. यह वर्ग बेहद असुरक्षित हालात में जीवन यापन करता है, जहां उन्हें हर समय गिरफ्तारी और देश से निष्कासन का खतरा बना रहता है. ये लोग अक्सर शोषणपूर्ण स्थितियों में काम करते हैं जैसे निर्माण कार्य, कृषि, घरेलू कामकाज और मजदूर के रूप में वहां रहते हैं.

इजराइल और अमेरिका ने अफगान नागरिकों को भर्ती किया

ईरान से हालिया निर्वासन (Deportation) के पीछे एक गंभीर आर्थिक संकट है. वर्षों से लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और सरकारी कुप्रबंधन ने ईरान की परेशानी बढ़ा दी है. ईरानी सरकार अक्सर अफगान शरणार्थियों, खासकर बिना दस्तावेजों वाले लोगों को ईरानी नागरिकों की नौकरी छिनने का जिम्मेदार मानती है. यही नहीं ईंधन, भोजन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसी सब्सिडी वाली सार्वजनिक सेवाओं पर बढ़ते दबाव के लिए सरकार इन्हें दोषी ठहराती है. जून में ईरान और इजराइल के बीच बढ़े तनाव ने विस्थापन की स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है. ईरानी अधिकारियों ने दावा किया है कि इजराइल और अमेरिका ने अफगान नागरिकों को भर्ती किया है, जिससे वे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन गए हैं.

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