भारत और चीन के बीच स्थिति 15 जून को इतनी बिगड़ गई थी कि गलवान घाटी में दोनों ओर के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे. झड़प में चीन की ओर से काफ संख्या में सैनिक हताहत हुए थे, पर चीन ने अपने सैनिकों के हताहत होने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है. वो इस बात से इनकार कर रहा है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव मैकनेनी ने कहा कि भारत और चीन के मसले पर अमेरिका स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी ऐसा ही कर रहे हैं और उनका कहना है कि चीन दुनिया के अन्य हिस्सों में जिस तरह की आक्रामकता दिखा रहा है, वैसा ही आक्रामक रवैया उसने भारत-चीन सीमा पर अपनाया है. ट्रंप ने कहा कि ये हरकतें चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के असली चेहरे को दर्शाती हैं.
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भाषा के मुताबिक इससे पहले अमेरिका के कई सांसद भी वास्तविक नियंत्रण सीमा पर चीन के रवैये को लेकर चिंता व्यक्त कर चुके हैं. कोरोना वायरस और अमेरिका-चीन संबंधों पर सुनवाई के दौरान ‘हाउस सेलेक्ट इंटेलिजेंस कमेटी’ के अध्यक्ष एवं सांसद एडम शिफ ने कहा कि पिछले एक महीने से चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हिंसक झड़प जैसी घटनाओं को अंजाम देने में शामिल रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप भारतीय सेना के कई जवान शहीद हुए हैं और चीन के सैनिक भी हताहत हुए हैं हालांकि उसने उनकी संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. फिलहाल इस तनाव की स्थिति को कम करने के लिए दोनों देश आगे आकर बातचीत से समस्या का हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं.
Posted By: Pawan Singh