बंकर बस्टर बम से तबाह हो गया ईरान का न्यूक्लियर सेंटर! जानिए कितना ताकतवर है अमेरिका का यह हथियार

America Entry in Iran Israel War: ईरान के खिलाफ इजराइल के युद्ध में अचानक शामिल होते हुए अमेरिकी ने ईरान के परमाणु संवर्धन संयंत्र को तबाह करने के लिए अपने बंकर-बस्टर बम का इस्तेमाल किया. इन बमों को पहाड़ की गहराई में बने फोर्दो परमाणु केंद्र को नुकसान पहुंचाने या नष्ट करने का सबसे अच्छा उपाय माना गया. यह परमाणु केंद्र इजरायल के एक सप्ताह के आक्रमण के दौरान भी हमलों से अछूता रहा था. अमेरिकी का बंकर बस्टर बम काफी खतरनाक है, और यह जमीन के अंदर काफी गहराई में बने मजबूत से मजबूत बंकर को भी भेद देता है.

By Pritish Sahay | June 22, 2025 10:49 PM

America Entry in Iran Israel War: ईरान और इजराइल की लड़ाई के 10वें दिन अमेरिका ने एंट्री करते हुए ईरान पर बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया. इस हमले से ईरान दहल गया है. हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि अमेरिकन एयर फोर्स ने ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट को तबाह कर दिया है. ट्रंप ने खुद सोशल मीडिया पर पुष्टि करते हुए लिखा कि ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान को निशाना बनाया गया है. इस हमले के लिए अमेरिका ने स्टील्थ बी2 बमवर्षक विमानों का सहारा लिया. अमेरिका दुनिया का एकमात्र देश है जो सैन्य रूप से घातक इस बम को अत्याधुनिक स्टील्थ बी2 बमवर्षक से गिराने में समक्ष है. इसके अलावा अमेरिका के इस हमले से यह भी साफ हो गया है कि अमेरिका सीधे तौर पर इज़राइल और ईरान के बीच जारी युद्ध में कूद चुका है.

कितना ताकतवर है बंकर बस्टर बम

बंकर बस्टर बम दुनिया में केवल अमेरिका के पास है. यूनाइटेड स्टेन ने इस बम को सिर्फ ऐसे ठिकानों को भेदने के लिए बनाया है जो जमीन से कई सौ फीट नीचे, पहाड़ों या कंक्रीट के अंदर सुरक्षित होते हैं. रविवार तड़के अमेरिकी ने Massive Ordnance Penetrator (GBU-57) बमों का इस्तेमाल किया था. इसे बोलचाल की भाषी में ‘बंकर बस्टर’ कहा जाता है. इसका वजन करीब साढ़े 13 टन है. यह इतना भारी है कि इसे सिर्फ B-2 स्टील्थ बॉम्बर विमान से ही लाया ले जा सकता है.

कई चरणों में बम दिखाता है असर

ऐसा माना जाता है कि यह बम पहले सतह को करीब 200 फीट भेदते हुए नीचे जाता है, इसके बाद एक जोरदार धमाका होता है. अगर इस श्रेणी के बम को एक के बाद एक गिराया जाए तो प्रत्येक विस्फोट के साथ सतह से गहराई तक भेदने की क्षमता बढ़ती जाती है. यह तुरंत पता नहीं चल पाया कि रविवार की सुबह हमले में इस श्रेणी के कितने बम का इस्तेमाल किया गया है. लेकिन, अमेरिका की ओर से कहा जा रहा है कि इस बम ने ईरान के तीनो न्यूक्लियर साइट को तबाह कर दिया है.

अमेरिकी हमले में ईरान को पहुंचा नुकसान!

उपग्रह से रविवार को ली गई तस्वीरों का अमेरिकी समाचार एजेंसी की ओर से विश्लेषण से पता चलता है कि अमेरिका के हवाई हमलों के बाद फोर्दो स्थित ईरान के भूमिगत परमाणु स्थल के प्रवेश द्वारों को नुकसान पहुंचा है. प्लैनेट लैब्स पीबीसी की तस्वीरों में दिख रहा है कि उस पहाड़ को भी नुकसान पहुंचा है जिसके नीचे फोर्दो है. उन प्रवेश सुरंगों को बंद करने का मतलब है कि ईरान को अंदर किसी भी चीज़ तक पहुंचने के लिए खुदाई करनी पड़ेगी. पहले ली गई तस्वीरों की तुलना में पहाड़ का रंग भी बदला-बदला दिख रहा है, जिससे संकेत मिलता है कि विस्फोट के कारण स्थल के चारों ओर मलबा फैल गया. इससे यह भी संकेत मिलता है कि इस केंद्र पर विशेष अमेरिकी बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया गया था.

अमेरिका का हमला गैर जिम्मेदाराना- रूस

ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले को रूस ने गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है. अमेरिकी हमलों की रूस ने निंदा करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है. अमेरिका ने इजराइल के समर्थन में रविवार को ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर बमबारी की. रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा “किसी संप्रभु देश पर मिसाइल और बम से हमला करने का निर्णय गैर-जिम्मेदाराना है, भले ही इसके लिए कोई भी दलील दी जाए. यह अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है, जिसमें पहले ही ऐसी कार्रवाइयों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य बताया गया है.’’

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