अफगानिस्तान के समाचार चैनल तोलो न्यूज (TOLO news) ने बुधवार को बताया कि तालिबान के राजनीतिक विभाग के सदस्य अनास हक्कानी ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह (Abdullah Abdullah) के साथ काबुल (Kabul) में मुलाकात की. संकट के दौर से गुजर रहे इस देश के तमाम नेता इस बात का प्रयास कर रहे हैं कि अफगानिस्तान को फिर से 90 के दशक वाला दौर न देखना पड़े. अपने देश में खून-खराबा को रोकने के लिए वे हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. इसलिए तालिबान के नेताओं से लगातार उनकी मुलाकातें हो रही हैं.
दूसरी तरफ, अफगानिस्तान में संभावित मानवाधिकार के उल्लंघन की आशंका से संयुक्त राष्ट्र भी चिंतित है. इसलिए अफगानिस्तान संकट पर चर्चा के लिए 24 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार पर्षद (United Nations Human Rights Council) का विशेष सत्र (Serious Human Rights Concerns and Situation in Afghanistan) बुलाया गया है. कहा गया है कि भारत, जापान, फ्रांस पाकिस्तान और ब्रिटेन समेत 60 पर्यवेक्षक राष्ट्रों ने सत्र बुलाने के फैसले का अब तक समर्थन किया है.
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इधर, अफगानिस्तान के दूतावास ने तजाकिस्तान (Tajikistan) और इंटरपोल (Interpol) के मुख्यालय से संपर्क साधा है. अफगानिस्तान के दूतावास ने इंटरपोल से आग्रह किया है कि देश छोड़कर भागने वाले राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) को हिरासत में लिया जाये. अशरफ गनी के साथ-साथ अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब (NSCAfghan) और फजल अहमद फजली को गिरफ्तार किया जाये. इन्हें पब्लिक प्रॉपर्टी की चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया जाये, ताकि इनसे जनता के पैसे की वसूली की जा सके.
राष्ट्रपति समेत कई शीर्ष अधिकारी देश छोड़कर भागे
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा के साथ ही राष्ट्रपति समेत कुछ शीर्ष अधिकारी देश छोड़कर भाग गये थे. कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने साथ चार कार और एक हेलीकॉप्टर में भरकर कैश ले गये थे. अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब, जो अमेरिका में अफगानिस्तान के राजदूत भी रह चुके थे, भी देश को संकट में छोड़कर चले गये.
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Posted By: Mithilesh Jha