सरकार के इस आदेश के बाद देश के कई शहरों में पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पुलिस को लोगों के घरों में घुसकर भेड़ों को जब्त करते हुए देखा जा सकता है. प्रशासन का कहना है कि यह सब कानून के दायरे में हो रहा है, लेकिन स्थानीय लोग इसे धार्मिक हस्तक्षेप मान रहे हैं.
मोरक्को की करीब 99 फीसदी आबादी मुस्लिम है और बकरीद का पर्व यहां बेहद श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. ऐसे में अचानक आई इस पाबंदी ने जनता को आक्रोशित कर दिया है. कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जहां लोगों ने सरकार पर धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है.
इस फैसले से एक नई बहस भी शुरू हो गई है कि क्या किसी सरकार या राजा को धार्मिक अनुष्ठानों पर रोक लगाने का अधिकार है? कुछ लोगों ने जहां इसे एक “अभूतपूर्व और खतरनाक मिसाल” कहा है, वहीं कुछ वर्गों ने देश की बिगड़ती आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिति को देखते हुए फैसले का समर्थन भी किया है. राजा मोहम्मद VI ने लोगों से अपील की है कि वे इस बार कुर्बानी न करें और बकरीद को दान-पुण्य और इबादत के जरिए मनाएं. उनका कहना है कि यह कदम देश और पर्यावरण दोनों के हित में है. लेकिन सरकार के इस फैसले को लेकर मोरक्को में धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक तनाव का माहौल बन गया है.
इसे भी पढ़ें: महिला सांसद ने खुद की नंगी फोटो संसद में दिखाई, लेकिन क्यों?
इसे भी पढ़ें: ऑस्ट्रेलिया के नाम पर धोखा, ईरान में अगवा हुए पंजाब के तीन युवकों को तेहरान पुलिस ने बचाया