आधी दुनिया तक बिना रुके 37 घंटे की उड़ान, आंखों पर नींद का बोझ, बी-2 पायलटों की दास्तान सुन सिहर जाएगा मन

B2 Bomber Pilot Story: इजराइल और ईरान लगातार एक दूसरे पर हमला कर रहे थे. इस बीच बिना किसी आहट के अमेरिकी विमानों को ईरान के तीनों न्यूक्लियर साइट पर हमला करना था. मिशन मुश्किल था और तनाव चरम पर. 37 घंटे उड़ान भरते हुए नींद और थकान के बीच दुश्मनों से बचते हुए एक पायलट के लिए उड़ान संभालना और सुरक्षित वापस लौटना सबसे बड़ी चुनौती है. मिशन में जरा सी भी चूक का सीधा अर्थ है सब कुछ खत्म.

By Pritish Sahay | June 26, 2025 10:02 PM
an image

B2 Bomber Pilot Story: ईरान और इजराइल की जंग के बीच अमेरिकी एयर फोर्स का ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला बड़ा अभियान था. इस मिशन को पूरा करने के लिए अमेरिकी बेड़े के दो बी-2 फाइटर प्लेन के पायलटों को 37 घंटे तक लगातार उड़ान भरनी पड़ी थी. आधुनिक सैन्य इतिहास में सबसे लंबे हवाई हमलों में से एक में सात स्टेल्थ बमवर्षक विमानों ने दो-दो चालक दल सदस्यों को लेकर आधी दुनिया की बिना रुके उड़ान भरी और मिशन को पूरा कर सकुशल वापस लौटे. इस मैराथन ऑपरेशन के दौरान कॉकपिट में रहना, कैट नैप, थकान और काउंटर अटैक के खतरे के बीच समय बिताना किसी ऐतिहासिक कदम से कम नहीं.

इतनी लंबी उड़ान बड़ी चुनौती

सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान पर पहले के लिए 125 से ज्यादा विमानों का इस्तेमाल किया गया.  मिसौरी के व्हाइटमैन एयर फ़ोर्स बेस से हमला करने के लिए उड़ान भरने वाले सात विमानों के अलावा दो और विमानों को पश्चिम की ओर भेजा गया, इसका मकसद ईरान को झांसा देना था. ऐसे में विमान के कॉकपिट में रहना कैसा है यह मेल्विन जी. डेइल सरीखे लोग भली भांति समझ सकते हैं. उन्होंने 2001 में 44 घंटे की उड़ान भरी थी और अफगानिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए बी 2 बॉम्बर से बम बरसाए थे.

बी-2 बॉम्बर पायलटों की 37 घंटे की उड़ान

बी-2 स्टील्थ बॉम्बर के कॉकपिट में बैठकर 37 घंटे की थकान भरी उड़ान की शुरुआत मिसूरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से शुरू हुई. इस अभियान में सात बी-2 बॉम्बर शामिल थे. विमान में ऑटोमेशन की मदद से दो पायलट लंबी उड़ान को संभालते हैं. एक पायलट उड़ान भरता है, जबकि दूसरा लेटने की जगह पर आराम करता है. माइक्रोवेव में खाना गर्म करने और कूलर में ठंडे स्नैक्स रखने की सुविधा ने पायलटों को मिशन के दौरान ऊर्जावान बनाए रखा. लेकिन 37 घंटे का लंबा सफर, नींद और थकान के बीच दुश्मनों से बचते हुए उड़ान संभालना और सुरक्षित वापस लौटना, क्योंकि जरा सी भी चूक का सीधा अर्थ है सब कुछ खत्म.

कैसे पूरा हुआ मिशन

इजराइल और ईरान लगातार एक दूसरे पर हमला कर रहे थे. इस बीच बिना किसी आहट के अमेरिकी विमानों को ईरान के तीनों न्यूक्लियर साइट पर हमला करना था. मिशन मुश्किल था और तनाव चरम पर. इसी दौरान एक अमेरिकी सबमरीन से 24 टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं. इसका टारगेट ईरान की रक्षा प्रणालियां थी. बी-2 विमान ने फोर्डो परमाणु ठिकाने पर  30,000 पाउंड के दो जीबीयू-57 बम (बंकर बस्टर ) बरसाए. बम गिराते विमान वापस लौटे. ऐसे अभियानों में हमला करना आसान होता है लेकिन वापसी थोड़ी मुश्किल, हालांकि सालों की कड़ी ट्रेनिंग ऐसे अवसरों पर ही काम आती है.

मिशन पूरा कर सुरक्षित वापसी

उड़ान के 37 घंटे बाद व्हाइटमैन बेस पर सातों बी-2 विमानों ने लैंड किया. दिमाग से खतरे का बोझ कम हो गया था लेकिन शरीर और आंखें थककर चूर. ऑपरेशन मिडनाइट हैमर सफलतापूर्वक पूरा हो गया. डेइल ने ऑपरेशन को “अविश्वसनीय उपलब्धि” करार दिया. उन्होंने कहा कि उनके लिए सबसे अधिक ऐतिहासिक बात यह थी कि सात जेट विमान लक्ष्य के ऊपर थे उन्होंने 30 मिनट के भीतर सात अलग-अलग बम हमले किए. 

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version