बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस कार्रवाई की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि ऑपरेशन “हेरोफ” के तहत सुराब पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया गया है. संगठन के प्रवक्ता जियंद बलोच के मुताबिक, लड़ाकों ने इलाके की प्रमुख सड़कों पर भी गश्त शुरू कर दी है और तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं.
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सुराब की अहमियत केवल एक शहर भर की नहीं है. यह क्वेटा और कराची को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे N-65 पर स्थित है, जो बलूचिस्तान में प्रशासन और रसद की रीढ़ माना जाता है. ऐसे में इस पर विद्रोहियों का कब्जा पाकिस्तान सरकार के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है. इससे कराची और क्वेटा के बीच सीधा संपर्क कमजोर पड़ा है और सरकार की पकड़ में बड़ी सेंध लग चुकी है.
इस हमले ने पाकिस्तान की सुरक्षा रणनीति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. जिस वक्त सेना भारत को चेतावनियां दे रही थी, उसी समय बलूच लड़ाके उसके भीतर ही शहरों पर कब्जा कर रहे थे. अब लड़ाई सिर्फ पहाड़ों तक सीमित नहीं रही, बल्कि शहरों तक फैल चुकी है.
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BLA ने हाल ही में 71 हमलों का दावा किया है और सुराब पर कब्जा उसी नई रणनीति का हिस्सा लगता है जिसमें अब वे सीधे शहरों पर अधिकार जमाने की कोशिश कर रहे हैं. यह अब प्रतीकात्मक विद्रोह नहीं, बल्कि पाकिस्तान के लिए सीधा संदेश है कि बलूच आंदोलन जमीनी सच्चाई बन चुका है. सवाल है कि अगला निशाना कौन होगा मस्तुंग, मंगोचर, झोब या ग्वादर? बलूच विद्रोह अब पाकिस्तान की अखंडता के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है.