क्या है एच-1बी वीजा
दरअसल एच-1बी वीजा एक अप्रवासी वीजा है. यह अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता वाले पेशों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है. अमेरिकी की प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत समेत अन्य देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को यूएस बुलाने के लिए इसी वीजा पर निर्भर है. गौरतलब है कि अमेरिका ने साल 2022 में भारतीय छात्रों को रिकार्ड सवा लाख वीजा जारी किया था. वहीं, एच1बी वीजा को लेकर बाइडन प्रशासन के एक उच्च अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका एच-1 और एल वीजा धारकों की विस्तारित संख्या के लिए इसे लागू करने के इरादे के साथ भारतीय नागरिकों को भी शामिल किया जाएगा.
अमेरिकी में ही रिन्यू किया जा सकेगा वीजा
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह भारत में लोगों के लिए, अमेरिका में लोगों के लिए, हमारे कारोबारों के लिए सचमुच में अच्छा है. गौरतलब है कि 2004 तक कुछ खास श्रेणियों के अप्रवासी वीजा, खासतौर पर एच-1बी का अमेरिका के अंदर ही नवीनीकरण किया जा सकता था. इसके बाद एच-1बी वीजा धारक विदेशी प्रौद्योगिकी श्रमिकों को अपने पासपोर्ट पर एच-1बी की अवधि बढ़ाये जाने का मुहर लगवाने के लिए स्वदेश जाना पड़ता है. बता दें, एच-1बी वीजा एक बार में तीन साल तक के लिए जारी किया जाता है.
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पीएम मोदी ने किया बड़ा ऐलान
पीएम मोदी ने अपने अमेरिकी दौरे में कहा है कि अमेरिकी में रह रहे भारतीय लोगों के लिए इस साल सिएटल में एक नया वाणिज्य दूतावास खोला जा रहा है. वहीं, अमेरिका के 2 अन्य शहरों में भी भारतीय वाणिज्य दूतावास खुल सकते हैं. इसके अलावा एच 1 बी वीजा का अमेरिका में ही रीन्यू किया जा सकेगा. पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय मूल के लोगों को अब एच-1बी वीजा के लिए अमेरिका नहीं छोड़ना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद भारतीय लोगों के लिए अमेरिका में रहना और काम करना काफी आसान हो जाएगा.
भाषा इनपुट से साभार