चीन का दावा बातचीत से सुलझेगा मुद्दा, दूसरी तरफ भारतीय सीमा के नजदीक उड़ा रहा लड़ाकू विमान

भारतीय सीमा के 30- 35 किमी की दूरी पर चीनी लड़ाकू विमान उड़ान भर रहे हैं अंतरराष्ट्रीय नियम कहता है कि सीमा से 10 किमी की दूरी तक उड़ान भरा जा सकता है. चीन और भारत सीमा पर लगातार तनाव बना हुआ है. एक तरफ चीन ऐसी हरकत कर रहा है दूसरी तरफ बयान दे रहा है कि स्थिति नियंत्रण में है बातचीत से हल निकल सकता है इसके बावजूद भी चीन लगतार इन इलाकों में अपने सैनिको की तैनाती कर रहा है.भारतीय सीमा से 100-150 किलोमीटर दूर स्थित बेस में चीन ने 10-12 फाइटर एयरक्राफ्ट तैनात किए हैं. सूत्रों की मानें तो भारतीय सीमा के बेहद करीब चीन के लड़ाकू विमान भी उड़ान भरते देखे गये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2020 12:05 AM
feature

नयी दिल्ली/ बीजिंग : भारतीय सीमा के 30- 35 किमी की दूरी पर चीनी लड़ाकू विमान उड़ान भर रहे हैं अंतरराष्ट्रीय नियम कहता है कि सीमा से 10 किमी की दूरी तक उड़ान भरा जा सकता है. चीन और भारत सीमा पर लगातार तनाव बना हुआ है. एक तरफ चीन ऐसी हरकत कर रहा है दूसरी तरफ बयान दे रहा है कि स्थिति नियंत्रण में है बातचीत से हल निकल सकता है इसके बावजूद भी चीन लगतार इन इलाकों में अपने सैनिको की तैनाती कर रहा है.भारतीय सीमा से 100-150 किलोमीटर दूर स्थित बेस में चीन ने 10-12 फाइटर एयरक्राफ्ट तैनात किए हैं. सूत्रों की मानें तो भारतीय सीमा के बेहद करीब चीन के लड़ाकू विमान भी उड़ान भरते देखे गये हैं.

Also Read: चीन के साथ सीमा विवाद के हल के लिए राजनयिक व सैन्य वार्ता जारी : अमित शाह

भारतीय सेना चीन की हर हरकत पर कड़ी नजर रख रही है.टाइम्स ग्रुप की एक वेबसाइट में खबर के अनुसार भारतीय सीमा के 30- 35 किमी बाहर चीनी विमान उड़ान भर रहे हैं. चीन इन इलाकों में अपने बनाये गये बेस पर लगातार हथियार और जंग की तैयारी के लिए लाये जाने वाले सामान की खेप ला रहा है. आर्टिलरी गन भी सेनाएं अपने बेस पर ला रही हैं.

दोनों देशों की सेनाओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी गतिरोध की पृष्ठभूमि में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान की यह टिप्पणी आई है.झाओ ने यह बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणी से संबंधित एक सवाल के जवाब में कही. सिंह ने शनिवार को एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि भारत सीमा मुद्दे पर अपने ‘‘गौरव पर आंच” नहीं आने देगा, लेकिन वह दो बड़े पड़ोसियों के बीच विवाद का समाधान वार्ता के जरिए करने को प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा था, ‘‘मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम किसी भी स्थिति में भारत के गौरव पर आंच नहीं आने देंगे. भारत पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की स्पष्ट नीति का पालन कर रहा है और यह नया रुख नहीं है. हम लंबे अरसे से इसका पालन कर रहे हैं. कभी-कभी चीन के साथ विवाद उत्पन्न हो जाता है. यह पहले भी हुआ है.” सिंह ने कहा था, ‘‘भारत यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि तनाव नहीं बढ़े.

इसका समाधान सैन्य एवं कूटनीतिक स्तरों पर वार्ता के माध्यम से होना चाहिए. दोनों देशों के बीच सैन्य एवं कूटनीतिक स्तरों पर वार्ता जारी है.” राजनाथ सिंह की टिप्पणी के संबंध में झाओ ने कहा, ‘‘चीन दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सर्वसम्मति को क्रियान्वित करता रहा है. हम अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के प्रति कटिबद्ध हैं.” झाओ ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘अब कुल मिलाकर हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति स्थिर और नियंत्रण योग्य है. हमारे पास निर्बाध माध्यम हैं और उम्मीद करते हैं कि हम वार्ता एवं चर्चा के जरिए संबंधित मुद्दे का उचित रूप से समाधान कर सकते हैं.”

इसी तरह, उत्तरी सिक्किम में नाकू ला दर्रे के पास नौ मई को भारत और चीन के लगभग 150 सैनिक आपस में भिड़ गए जिसमें दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुए. दोनों देशों के सैनिकों के बीच 2017 में डोकलाम में 73 दिन तक गतिरोध चला था. भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर विवाद है. चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है. वहीं, भारत इसे अपना अभिन्न अंग करार देता है. दोनों पक्ष कहते रहे हैं कि सीमा विवाद के अंतिम समाधान तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखना जरूरी है

Posted by: pankaj kumar pathak

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version