बाप रे बाप! चीन की ट्रेन उड़नखटोले को भी पीछे छोड़ गई, 1200 KM सिर्फ ढाई घंटे में

China Maglev Train: चीन ने सफलतापूर्वक 600 किमी/घंटा की रफ्तार वाली मैग्लेव ट्रेन का परीक्षण किया, जो हवाई जहाज से भी तेज है। यह ट्रेन बीजिंग-शंघाई का सफर महज 2.5 घंटे में तय कर सकती है। जानें तकनीक और खासियतें.

By Govind Jee | August 5, 2025 1:39 PM
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China Maglev Train: चीन ने मैग्नेटिक लेविटेशन (Maglev) तकनीक पर आधारित अपनी नई हाई-स्पीड ट्रेन का सफल परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया है. बीजिंग में हुए 17वें मॉडर्न रेलवे एग्जीबिशन में पेश की गई यह ट्रेन महज 7 सेकंड में 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है यानी हवाई जहाज से भी तेज. दक्षिण चीन मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, यह सुपरफास्ट ट्रेन अगर बीजिंग और शंघाई के बीच की 1,200 किलोमीटर दूरी पर चलाई जाए, तो यह दूरी जो फिलहाल हाई-स्पीड रेल से 5.5 घंटे में तय होती है, उसे सिर्फ 2.5 घंटे में पूरा किया जा सकता है.

China Maglev Train in Hindi: कैसे काम करती है यह तकनीक?

मैग्लेव तकनीक में चुंबकीय बलों के सहारे ट्रेन को ट्रैक से ऊपर उठा दिया जाता है, जिससे पहियों और पटरियों के बीच कोई घर्षण नहीं होता. इस कारण ट्रेन बहुत कम आवाज के साथ तेज गति से आगे बढ़ती है. चीन के हुबेई प्रांत स्थित डोंघु लैब में हाल ही में हुए परीक्षण में 1.1 टन वजनी मैग्लेव ट्रेन ने 1,968 फीट के ट्रैक पर महज 7 सेकंड में 404 मील प्रति घंटे (लगभग 650 किमी/घंटा) की रफ्तार पकड़ ली. इससे पहले, 2023 में इसी तकनीक पर आधारित एक ट्रेन ने 620 मील प्रति घंटे (लगभग 998 किमी/घंटा) से भी अधिक स्पीड हासिल की थी, जो कि औसत पैसेंजर विमान (547–575 मील प्रति घंटे) से भी तेज है.

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क्या खास है इस ट्रेन में?

इस फ्यूचरिस्टिक ट्रेन को चाइना रेलवे रोलिंग स्टॉक कॉर्पोरेशन (CRRC) ने डिजाइन किया है. इसका एरोडायनामिक डिज़ाइन, खासतौर पर इसकी नुकीली नाक, हवा के प्रतिरोध को कम करता है. चीन के सरकारी मीडिया CCTV द्वारा साझा किए गए वीडियो में इसके भीतर का आधुनिक और विशाल इंटीरियर दिखाया गया है, जिसमें बड़े डिजिटल डिस्प्ले और आरामदायक केबिन शामिल हैं.

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कब तक चलेगी यह ट्रेन?

इंजीनियरों का कहना है कि इसका फुल-स्पीड ट्रैक 2025 के अंत तक तैयार हो जाएगा. यह परीक्षण वैक्यूम टनल में हुआ, जहां हवा का प्रतिरोध लगभग नहीं होता. यहां हाई टेम्परेचर सुपरकंडक्टिंग लेविटेशन तकनीक का इस्तेमाल हुआ है, जिससे ट्रेन बिल्कुल शांत और घर्षण रहित चलती है.

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