पाकिस्तान में बुलेट-प्रूफ गाड़ियों में चलेंगे चीनी कामगार
पाकिस्तान और चीन ने सीपेक परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों के बाहर निकलने पर उनके लिए बुलेट-प्रूफ वाहन इस्तेमाल करने पर सहमति जतायी है ताकि उन्हें आतंकवादी हमलों से बचाया जा सके. चीन ने अपने कर्मियों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी जिसके बाद यह कदम उठाया गया है.
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चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा पर चल रहा काम
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपेक) अरब सागर में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन के उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में काश्गर से जोड़ता है. चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) के तहत 60 अरब डॉलर की लागत वाला सीपेक राष्ट्रपति शी चिनपिंग की एक बड़ी परियोजना है. चीन की विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन में उसके कामगारों की सुरक्षा एक बड़ी बाधा रही है.
पाकिस्तान में चीनी कामगारों पर हो रहे लगातार हमले
सूत्रों के अनुसार अपने कामगारों पर बार-बार हमलों के कारण चीन ने पाकिस्तान से चीनी नागरिकों की सुरक्षा उसके सुरक्षाकर्मियों को सौंपने के लिए भी कहा था. मसौदे से यह भी सुझाव मिलता है कि पाकिस्तान कुछ सीपेक ऊर्जा परियोजनाओं पर काम में तेजी लाने के अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया है. हालांकि, उसने कर तथा शुल्क नीतियों को स्थिर बनाए रखने की फिर से प्रतिबद्धता जतायी है.