संघर्ष और समझौते की प्रक्रिया
21 नवंबर से 2 दिसंबर के बीच चली हिंसा में 133 लोगों की मौत के बाद यह समझौता किया गया. जनजातीय परिषद (ग्रैंड जिरगा) ने मध्यस्थता करते हुए दोनों पक्षों के 45 प्रतिनिधियों को सहमति पर लाने में मदद की. सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस समझौते से जिले में सामान्य स्थिति बहाल होगी. मुख्यमंत्री अली अमीन खान गंडापुर ने इसे शांति और समृद्धि की दिशा में बड़ा कदम बताया.
क्या समझौता हुआ?
सभी बंकरों को नष्ट किया जाएगा.
हैवी हथियार प्रशासन को सौंपे जाएंगे.
रास्ते फिर से खोले जाएंगे.
समझौते का उल्लंघन करने वालों को अधिकारियों को सौंपा जाएगा.
दशकों पुराना विवाद
यह झगड़ा दशकों पुराने जमीन विवाद से जुड़ा है. 22 नवंबर को एक पैसेंजर वैन के काफिले पर हमले के बाद हिंसा भड़क उठी, जिसमें 57 लोगों की जान चली गई. इसके बाद सड़कों पर जाम और खाद्य सामग्री तथा दवाओं की कमी जैसी समस्याएं सामने आईं.
शांति के प्रयास जारी
ग्रैंड जिरगा के सदस्य मलिक सवाब खान ने बताया कि अब शांति स्थापित करने और जिले में सामान्य स्थिति बहाल करने की योजना बनाई जा रही है. यह समझौता संघर्ष को समाप्त कर कुर्रम जिले में स्थायी समाधान की दिशा में एक मजबूत कदम है.
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