वाशिंगटन : Coronavirus का प्रभाव अभी आने वाले कई सालों तक रह सकता है. यह वायरस हर मौसम के बदलने के साथ ही लोगों में असर दिखाना शुरू कर सकता है. यह दावा है हॉवर्ड विश्विद्यालय के शोधकर्ताओं का. शोधकर्ताओं ने अपने शोध में कहा है कि आने वाले दो साल तक लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाना पड़ेगा. वरना यह वायरस फिर से पैर पसार सकता है.
शोधकर्ताओं ने रिसर्च के दौरान कम्प्यूटर मॉडल के माध्यम से देखा कि आने वाले समय में सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन होगा, तभी इस वायरस को दोबारा फैलने से रोका जा सकता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि इस तरह के परिणाम 2003 में फैले सार्स-सीओवी-1 में भी देखने को मिला था.
वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस इंफ्लूएंजा के तौर पर दुनियाभर में रहेगा. इस आधार पर कम से कम मौजूदा हालात को देखते हुए 20 सप्ताह यानी 140 दिन तक हर हाल में सावधानी बरतनी होगी.
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार स्टीफन किसलर के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कोरोना के मौसमी उभार, उसके खिलाफ मौजूद प्रतिरोधक क्षमता और टीकाकरण के जरिये वायरस से मुकाबले की संभावनाओं को परखते हुए भविष्य का अनुमान लगाया, जिसके बाद शोधकर्ताओं ने साफ किया कि भविष्य में इस वायरस पर काबू पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. शोधकर्ताओं ने पाया कि वायरस सर्द, तापमान में फिर से सक्रिय हो जायेगा.
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बताया जा रहा है कि शोधकर्ताओं ने अपने शोध के बाद इस निष्कष पर पहुंचा कि जब तक वायरस के लिए वैक्सिन नहीं ढूंढ ली जाती तब तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाना चाहिए.
विश्वभर में 1 लाख 30 हजार मौत– कोरोनावायरस के कारण विश्वभर में 1 लाख 30 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. इस वायरस से सबसे अधिक मौत अमेरिका में हुई है. अमेरिका में अब तक तकरीबन 27 हजार लोगों ने इस वायरस के कारण दम तोड़ दिया. वहीं दुनिया में इस वायरस से 18 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं.
भारत में 3 मई तक लॉकडाउन- कोरोनावायरस कै खतरे को देखते हुए भारत में तीन मई तक लॉकडाउन लगाय है. इससे पहले भी देश 21 दिनों का लॉकडाउन लागू किया जा चुका है. हालांकि सरकार ने लॉकडाउन के बावजूद शर्तों के साथ कुछ चीजों गतिविधियां शुरू करने की इजाजत दी है.
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