COVID-19: रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने लॉक डाउन के लिए शेरों को खुले में छोड़ा, सच या झूठ, जानें विस्तार से
कोरोनावायरस (COVID-19) के तेजी से फैलने से लेकर लॉकडाउन तक लगातार तरह-तरह की अफवाएं फैल रही हैं. इस घातक वायरस खौफ के बीच ये तमाम अफवाहें लोगों को न सिर्फ भ्रमित कर रही हैं, बल्कि इस खौफ को बढ़ाने में आग में घी डालने का काम भी कर रही हैं.
By Utpal Kant | March 23, 2020 1:03 PM
कोरोनावायरस (COVID-19 के तेजी से फैलने से लेकर लॉकडाउन (lockdown) लगातार तरह-तरह की अफवाएं फैल रही हैं. इस घातक वायरस खौफ के बीच ये तमाम अफवाहें लोगों को न सिर्फ भ्रमित कर रही हैं, बल्कि इस खौफ को बढ़ाने में आग में घी डालने का काम भी कर रही हैं. सोशल मीडया पर अभी एक अफवाह उड़ रही रूस की एक खबर को लेकर. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन लोगों से कोरोना वायरस के चलते घरों में रहने की अपील कर रहे हैं लेकिन लोग मान नहीं रहे हैं. इस कारण उन्होंने वहां की सड़कों पर सैंकड़ों शेर और बाघ को छोड़ दिए हैं. व्हाट्सएप से लेकर फेसबुक और ट्विटर पर यह फोटो जमकर शेयर हो रही है.जबकि सच्चाई वह है ही नहीं जो लोग बता रहे हैं. यह न्यूज फर्जी है. जानिए कि सही खबर क्या है.
ट्विटर पर किसी ने एक मैसेज शेयर करते हुए लिखा है कि पुतिन ने रूस के लोगों को दो विकल्प दिए या तो वे दो हफ्ते के लिए घरों में रहे या फिर 5 साल के लिए जेल में. बीच का कोई रास्ता नहीं है. लोग घर से न निकले इसलिए उन्होंने सड़कों पर 800 शेर और बाघ को छोड़ दिए हैं.
#Covid_19 Vladimir Putin has given Russians two options You stay at home for 2 weeks or you go to jail for 5years No middle ground RUSSIA Vladimir Putin has Dropped 800 tigers and Lions all over the Country to push people to stay Home.. Stay Safe Everyone! pic.twitter.com/41KOjl8vNe
रूस में इस तरह के कोई आदेश पुतिन या फिर उनकी सरकार की तरफ से नहीं दिए गए हैं. पड़ताल करने पर पता चला कि जो तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर हो रही है, वह साल 2016 की है और वो रूस की नहीं बल्कि दक्षिण अफ्रीका की है. अप्रैल 2016 में जोहांसबर्ग के लॉयन पार्क एक शेर को रिहायशी इलाकों में लाया गया था. इस शेर का नाम कोलंबस था और आधी रात में शहर की गलियों में घूमने पहुंचे शेर को देखकर हर किसी के मन में खौफ समा गया था. इसके बाद आसपास के नागरिकों ने उसका वीडियो बनाया था. कोलंबस को इसलिए लाया गया था ताकि बाकी जानवरों को दूर रखा जा सके.लिहाजा ऐसे फेक मैसेज से सावधान रहें.
रूस में अब तक कोरोना के 350 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. इनमें से 16 लोग ठीक हो चुके हैं तो एक मरीज की मौत हो चुकी है. देश के कई हिस्से में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. रूस की सेना की तरफ से रविवार को कोरोना की सबसे बुरी मार झेलते इटली के लिए मदद भेजी गई है. यहां वैक्सिन बनाने को लेकर भी काम चल रहा है. अंतरराष्ट्रीय विमानों पर रोक लगी हुई है.