राधारमण दास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस घटना की जानकारी साझा करते हुए वकील की तस्वीर पोस्ट की और उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि रमन रॉय की “गलती” केवल इतनी थी कि वह कोर्ट में चिन्मय दास का बचाव कर रहे थे. हालांकि, इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है.
बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों की घटनाएं लगातार चिंता बढ़ा रही हैं. मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के दौरान कट्टरपंथियों के हमले और हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. मंदिरों में तोड़फोड़ और धार्मिक स्थलों पर हमले अब आम हो गए हैं.
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गौरतलब है कि चिन्मय दास को बांग्लादेश सरकार ने राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया था. इसके बाद जेल में उनसे मिलने पहुंचे अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. इस घटना के बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश की आलोचना हो रही है. कई देशों में इस्कॉन और हिंदू समुदायों ने विरोध प्रदर्शन किए हैं. कनाडा में भी हिंदुओं ने बांग्लादेश सरकार के खिलाफ रैली निकाली.
भारत ने भी बांग्लादेश सरकार को कड़ा संदेश दिया है, जिसमें चिन्मय दास की गिरफ्तारी की निंदा की गई और हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की गई. हिंदुओं पर हो रहे इन हमलों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर बांग्लादेश की छवि को गंभीर सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है.