60 दिन की डेडलाइन
एपी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने इन देशों को 60 दिन की मोहलत दी है ताकि वे अमेरिका के सुरक्षा मानकों और आव्रजन नियमों का पूरी तरह से पालन कर सकें. ऐसा न करने पर उनके नागरिकों की अमेरिका यात्रा पर पाबंदी लग सकती है.
बैन के पीछे कारण क्या है?
अमेरिका आने वाले अपने नागरिकों के पासपोर्ट और पहचान दस्तावेज़ों की वैधता सुनिश्चित नहीं कर रहे.निर्वासित नागरिकों को वापस लेने में सहयोग नहीं कर रहे और कुछ मामलों में, आतंकवाद या अमेरिका विरोधी गतिविधियों से भी जुड़े पाए गए हैं.
यह कार्रवाई ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की कठोर नीति का हिस्सा है. जिसके तहत पहले भी कुछ देशों के नागरिकों पर ट्रैवल बैन लगाया गया था. अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि इन देशों को अपने सिस्टम में सुधार, डेटा अपडेट और अमेरिका की सुरक्षा चिंताओं को दूर करने की दिशा में तुरंत कदम उठाने होंगे.
किन 36 देशों को चेतावनी मिली?
जिन देशों को यह चेतावनी दी गई है, उनमें शामिल हैं: अंगोला, एंटीगुआ और बारबुडा, बेनिन, भूटान, बुर्किना फासो, कंबोडिया, कैमरून, केप वर्डे, कांगो (डीआरसी), जिबूती, डोमिनिका, इथियोपिया, मिस्र, गैबॉन, गाम्बिया, घाना, आइवरी कोस्ट, किर्गिस्तान, लाइबेरिया, मलावी, मॉरिटानिया, नाइजर, नाइजीरिया, सेंट किट्स और नेविस, सेंट लूसिया, साओ टोम और प्रिंसिपे, सेनेगल, दक्षिण सूडान, सीरिया, तंजानिया, टोंगा, तुवालु, युगांडा, वानुअतु, जाम्बिया और जिम्बाब्वे.