Donald Trump Airstrike on Houthi Rebel: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यमन में सक्रिय ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए हैं. ट्रंप के आदेश पर अमेरिकी सेना ने हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमले शुरू कर दिए हैं, जिनमें अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है. राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि हूती विद्रोही अपनी गतिविधियों को जारी रखते हैं, तो उनकी स्थिति और भी खराब कर दी जाएगी. साथ ही, उन्होंने ईरान को भी कड़ा संदेश देते हुए कहा कि उसे तुरंत हूती विद्रोहियों को समर्थन देना बंद करना होगा.
व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लाल सागर में अमेरिकी जहाजों पर हो रहे हूती हमलों को रोकने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने यह कठोर निर्णय लिया है. लंबे समय से अमेरिका के आर्थिक और राष्ट्रीय हितों को हूती विद्रोहियों से खतरा बना हुआ है, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब ऐसा नहीं होगा. सवाल यह उठता है कि आखिरकार ट्रंप अचानक हूती विद्रोहियों के खिलाफ इतने आक्रामक क्यों हो गए हैं?
President Trump is taking action against the Houthis to defend US shipping assets and deter terrorist threats.
— The White House (@WhiteHouse) March 15, 2025
For too long American economic & national threats have been under assault by the Houthis. Not under this presidency. pic.twitter.com/FLC0E8Xkly
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने यमन में हूती आतंकियों के खिलाफ अमेरिकी सैन्य हमलों को मंजूरी दे दी है. उनके अनुसार, हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में आतंक मचा रखा है और अमेरिका तथा अन्य देशों के जहाजों और विमानों पर हमले कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की नीतियों की कमजोरी के कारण हूती विद्रोहियों के हौसले बुलंद हुए थे.
"To all Houthi terrorists, YOUR TIME IS UP…" –President Donald J. Trump pic.twitter.com/P4qwgyDs8c
— President Donald J. Trump (@POTUS) March 15, 2025
राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि पिछले एक साल से अमेरिका का कोई भी व्यावसायिक जहाज सुरक्षित रूप से लाल सागर की सुएज नहर से होकर नहीं गुजरा है. चार महीने पहले अमेरिका का एक युद्धपोत इस रास्ते से गुजरा था, जिस पर हूती विद्रोहियों ने दर्जनों हमले किए थे. हूती विद्रोही ईरान के समर्थन से अमेरिकी जहाजों पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं, जिससे वैश्विक व्यापार को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है और निर्दोष लोगों की जान को खतरा पैदा हो गया है.
इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान में हाफिज सईद के मरने की खबर, सोशल मीडिया में हड़कंप, अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं
ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिकी जहाजों पर हो रहे हूती हमलों को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जब तक अमेरिका अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर लेता, तब तक सैन्य अभियान जारी रहेगा. उन्होंने हूती विद्रोहियों को कड़े शब्दों में संदेश देते हुए कहा कि उनका समय खत्म हो चुका है और अब उनके हमलों को रोकना ही होगा. यदि वे हमले जारी रखते हैं, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
CENTCOM operations against Iran-backed Houthis continue… pic.twitter.com/DYvc3gREN8
— U.S. Central Command (@CENTCOM) March 15, 2025
यह ध्यान देने योग्य है कि ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद यह मिडिल ईस्ट में अमेरिकी सेना द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभियान है. अमेरिका इस समय ईरान पर भी आर्थिक दबाव बढ़ा रहा है ताकि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत के लिए तैयार हो सके.
लाल सागर में हूती विद्रोहियों की आक्रामकता क्यों?
यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती विद्रोही लगातार लाल सागर में अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल के व्यावसायिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में ही हूती विद्रोहियों ने लाल सागर गलियारे में 70 से अधिक जहाजों पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किए हैं.
इसे भी पढ़ें: मेरा बापू कहां गया? गांधी जी की टूटी मूर्ति देख फूट-फूटकर रोने लगे शराबी
हूती विद्रोही समय-समय पर लाल सागर में मालवाहक जहाजों को हाइजैक भी कर चुके हैं. नवंबर 2023 में उन्होंने एक कार्गो शिप को अपने कब्जे में ले लिया था, यह दावा करते हुए कि यह जहाज इजराइल का है. इसके अलावा, हूती विद्रोही यमन के तट पर अपने नियंत्रण वाले इलाकों से ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल कर व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं.
हूती विद्रोहियों का दावा है कि वे केवल इजराइल, अमेरिका और ब्रिटेन से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे हैं ताकि गाजा पट्टी में इजराइल-हमास युद्ध को समाप्त करने का दबाव बनाया जा सके. हालांकि, अमेरिका का कहना है कि हूती विद्रोही लगातार लाल सागर में अमेरिकी युद्धपोतों को निशाना बना रहे हैं, जिससे उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक व्यापार को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है.
इसे भी पढ़ें: हाफिज सईद का खासमखास ढेर, पाकिस्तान में मोस्ट वांटेड आतंकी अबु कताल का खात्मा
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि अमेरिका अब हूती विद्रोहियों के खिलाफ पूरी तरह से आक्रामक हो चुका है और वह किसी भी कीमत पर अपने हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है. आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सैन्य कार्रवाई के क्या परिणाम सामने आते हैं और इससे मध्य पूर्व की भूराजनीतिक स्थिति में क्या बदलाव होते हैं.
अमेरिका में फिर दर्दनाक हादसा, एरिजोना में मेडिकल विमान क्रैश, 4 की मौत
अमेरिका की पुरानी सेटिंग भी नहीं रोक पाई भारत का राफेल वार, ऑपरेशन सिंदूर से उठा पर्दा
“मैंने कोई प्रतिशत जिक्र नहीं किया,” रूसी ऊर्जा खरीदने वाले देशों पर 100% टैरिफ लगाने को लेकर ट्रंप का जवाब
ट्रंप के टैरिफ के बीच भारत की दहाड़, अजीत डोभाल रूस पहुंचकर अमेरिका को दिया कड़ा जवाब