Viral Video : नेशनल गार्ड को नहीं बुला सकते, डोनाल्ड ट्रंप का पुराना वीडियो वायरल, मचा हंगामा
Viral Video : अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय ‘पेंटागन’ ने इमिग्रेशन संबंधी कार्रवाई के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों से निपटने में ‘नेशनल गार्ड’ के जवानों की मदद के लिए सोमवार को लॉस एंजिलिस में लगभग 700 ‘मरीन’ कोर तैनात किए. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पुराना वीडियो वायरल हो रहा है.
By Amitabh Kumar | June 10, 2025 9:43 AM
Viral Video : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 2020 का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें वे कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि वे नेशनल गार्ड को तब तक नहीं बुला सकते, जब तक कि हमें गवर्नर द्वारा अनुरोध न किया जाए. प्रो इमिग्रेशन प्रोटेस्ट पर लगाम लगाने के लिए लॉस एंजिल्स क्षेत्र में नेशनल गार्ड सदस्यों की तैनाती को लेकर ट्रंप और कैलिफोर्निया डेमोक्रेट्स के बीच तनाव बढ़ गया है. राष्ट्रपति के रूप में उनके पहले कार्यकाल की क्लिप फिर से सामने आई है जो वायरल हो रही है. देखें वायरल वीडियो आप भी.
“We can't call in the National Guard unless we're requested by a governor.” – Donald Trump, 2020
एबीसी के साथ एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, “मैंने कानून और व्यवस्था बहाल कर दी है. डेमोक्रेट द्वारा संचालित शहरों को छोड़कर. हमें कानूनों के अनुसार चलना होगा. हम नेशनल गार्ड को नहीं बुला सकते. जब तक गवर्नर द्वारा अनुरोध नहीं किया जाता, हम नेशनल गार्ड को नहीं बुला सकते.”
2,000 अतिरिक्त जवानों की लॉस एंजिलिस में तैनाती की अनुमति दी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इमिग्रेशन संबंधी कार्रवाई के विरोध में लॉस एंजिलिस में हो रहे विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए ‘नेशनल गार्ड’ के 2,000 अतिरिक्त जवानों की तैनाती को मंजूरी दे दी. इस आदेश के तहत उन्हें सक्रिय ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा. एक अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि आदेश पर अभी हस्ताक्षर हुए हैं और सैनिकों को भेजने में एक या दो दिन लग सकते हैं.
राष्ट्रपति के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए उठाया गया कदम
गवर्नर गेविन न्यूसम ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा कर ट्रंप के इस कदम को लापरवाही भरा और ‘‘हमारे बलों के लिए अपमानजनक’’ बताया. न्यूसम ने कहा, ‘‘यह कदम सार्वजनिक सुरक्षा के लिए नहीं उठाया गया. यह एक खतरनाक राष्ट्रपति के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए उठाया गया कदम है.’’