Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति और डोनाल्ड ट्रंप की हालिया वायरल तस्वीरों ने उनके स्वास्थ्य को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. सोशल मीडिया पर उनके पैरों में सूजन और हाथ पर चोट के निशान वाली तस्वीरों ने चिंताओं को हवा दी, जिसके बाद वाइट हाउस ने औपचारिक रूप से उनकी सेहत को लेकर बयान जारी किया है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि 79 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप को हाल ही में “क्रॉनिक वेनस इन्सफिशिएंसी” (Chronic Venous Insufficiency – CVI) नामक स्थिति का पता चला है. यह एक सामान्य लेकिन दीर्घकालिक वैस्कुलर समस्या है, जो खासकर बुजुर्गों में पाई जाती है. इस बीमारी में पैरों की नसें रक्त को प्रभावी ढंग से हृदय तक नहीं पहुंचा पातीं, जिससे रक्त पैरों में इकट्ठा हो जाता है और सूजन, त्वचा में बदलाव, दर्द और यहां तक कि अल्सर की भी समस्या हो सकती है.
मेडिकल जांच और रिपोर्ट क्या कहती है?
डॉक्टर सीन बारबाबेला की देखरेख में ट्रंप की वैस्कुलर जांच की गई, जिसमें “वेनस डॉप्लर अल्ट्रासाउंड” और अन्य डायग्नोस्टिक टेस्ट शामिल थे. इन रिपोर्ट्स में गंभीर किसी रक्तवाहिका संबंधी स्थिति जैसे “डीप वेन थ्रॉम्बोसिस” (DVT) या “धमनी रोग” के कोई संकेत नहीं पाए गए. इसके अलावा, उनकी रक्त जांच (CBC, CMP और कोएगुलेशन प्रोफाइल) और इकोकार्डियोग्राम के नतीजे भी सामान्य पाए गए हैं. व्हाइट हाउस ने जोर देकर कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप की हृदय कार्यप्रणाली एकदम सामान्य है और उन्हें कोई हार्ट फेल्यर या प्रणालीगत बीमारी नहीं है.
हाथ पर चोट के निशान की हकीकत क्या है?
13 जुलाई को न्यू जर्सी में आयोजित एक फुटबॉल मैच के दौरान ली गई तस्वीरों में ट्रंप के हाथ पर हल्की चोट या जलन जैसे निशान देखे गए, जिससे उनके स्वास्थ्य को लेकर अटकलें और तेज हो गईं. इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कैरोलिन लेविट ने कहा कि ये निशान दरअसल बार-बार हाथ मिलाने और एस्पिरिन के नियमित सेवन के कारण बने हैं. एस्पिरिन रक्त को पतला करता है, जिससे मामूली चोटें भी अधिक स्पष्ट हो जाती हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह त्वचा पर हल्की जलन “क्रॉनिक वेनस इन्सफिशिएंसी” से संबंधित नहीं है, क्योंकि यह बीमारी सिर्फ शरीर के निचले हिस्से को प्रभावित करती है.
इस बीमारी का इलाज और प्रबंधन कैसे होता है?
सीवीआई का कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन इसे मैनेज किया जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, मेडिकल ग्रेड कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स का उपयोग, पैरों को ऊंचा रखकर बैठना, नियमित वॉक और वजन को नियंत्रित रखना इसकी मुख्य रणनीतियां हैं. गंभीर मामलों में स्क्लेरोथेरेपी, वेन लिगेशन या वेन स्ट्रिपिंग जैसी सर्जिकल प्रक्रियाएं भी की जा सकती हैं. हालांकि, व्हाइट हाउस ने यह नहीं बताया कि डोनाल्ड ट्रंप इस स्थिति के लिए कौन-सा उपचार अपना रहे हैं. यह भी स्पष्ट नहीं है कि वह नियमित रूप से कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स पहन रहे हैं या नहीं.
विशेषज्ञों की राय और संभावित खतरे
वैस्कुलर विशेषज्ञों का मानना है कि क्रॉनिक वेनस इन्सफिशिएंसी आमतौर पर गंभीर स्थिति नहीं होती, लेकिन यह कुछ अंतर्निहित जीवनशैली समस्याओं की ओर संकेत कर सकती है. ट्रंप का पिछला मेडिकल रिकॉर्ड बताता है कि उनकी लंबाई 6 फीट 3 इंच है और वजन 239 पाउंड, जो बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के अनुसार मोटापे की श्रेणी में आता है. मोटापा इस स्थिति के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है. इसके अलावा, लंबे समय तक खड़े रहने, बैठने की आदत, पारिवारिक इतिहास और उम्र भी इस स्थिति के जोखिम को बढ़ाते हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के स्वास्थ्य को लेकर चल रही अटकलों के बीच वाइट हाउस की यह पारदर्शिता काफी हद तक स्थिति को स्पष्ट करती है. ट्रंप के डॉक्टरों की रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल उनकी कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं है. हालांकि, विशेषज्ञ यह जरूर मानते हैं कि उम्र और जीवनशैली को ध्यान में रखते हुए उन्हें सतर्क रहना चाहिए और उचित इलाज व जीवनशैली में बदलाव के जरिए इस स्थिति को नियंत्रण में रखना चाहिए. वायरल तस्वीरों के पीछे की मेडिकल सच्चाई सामने आने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों से पहले ट्रंप अपनी फिटनेस को लेकर और क्या कदम उठाते हैं.
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