ट्रंप ने बुधवार को अपने बयान में कहा कि वह किसी भी समय पुतिन से मिलने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अगर पुतिन इस युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत नहीं करते, तो रूस को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह रूस को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते और रूस के लोगों के प्रति उनके मन में स्नेह है. ट्रंप ने कहा कि उन्हें पुतिन के साथ अपने पुराने संबंधों की भी परवाह है और वह रूस के दौरे पर जाने की इच्छा रखते हैं.
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ट्रंप ने यह भी कहा कि रूस की गिरती अर्थव्यवस्था और युद्ध की भयावहता को देखते हुए इस संघर्ष को रोकना बेहद जरूरी है. उन्होंने सुझाव दिया कि अगर रूस ने समझौते की दिशा में कदम नहीं बढ़ाया, तो उनके पास रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. ट्रंप ने दावा किया कि यदि वह राष्ट्रपति होते, तो यह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता.
ट्रंप के इस बयान पर रूस की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है. रूस के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान सुरक्षा समिति के डिप्टी चेयरमैन दमित्री मेदवेदेव ने अमेरिका के वर्तमान नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अमेरिका और रूस के संबंध सामान्य नहीं हो सकते और यह भी स्पष्ट नहीं है कि इसकी जरूरत है या नहीं.
रूस के उपराजदूत दमित्री पोलिंस्की ने कहा कि युद्ध समाप्त करने के प्रयासों से पहले यह समझना जरूरी है कि यूक्रेन संकट की असली समस्या क्या है. उन्होंने ट्रंप के सुझावों को गंभीरता से देखने की बात कही. हालांकि, इस मामले पर अभी तक पुतिन ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, पुतिन का रुख ट्रंप के प्रति नरम रहने की संभावना है. माना जा रहा है कि रूस इस समय ट्रंप से संबंध खराब कर अपनी स्थिति और नहीं बिगाड़ना चाहेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रंप यूक्रेन को हथियारों की फंडिंग जारी रखते हैं और रूस पर प्रतिबंध लगाते हैं, तो यह युद्ध और ज्यादा भड़क सकता है.
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