एलन मस्क ने दिया व्यंग्यात्मक जवाब
स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने इस रोक पर प्रतिक्रिया देते हुए कटाक्ष में कहा कि वह “इस जघन्य अपराध की भरपाई के लिए एक हफ्ते तक ऑमलेट नहीं खाएंगे.” दरअसल, रॉकेट लॉन्च के चलते पक्षियों के घोंसलों को हुए नुकसान को लेकर उठे सवालों के जवाब में मस्क ने यह तंज कसा है.
90 मिनट में 100 टन कार्गो पहुंचाने की थी योजना
स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, यह परियोजना अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की एक रणनीतिक योजना का हिस्सा थी, जिसका मकसद स्पेसएक्स के कमर्शियल रॉकेटों का इस्तेमाल कर दुनिया के किसी भी कोने में 100 टन तक सैन्य सामग्री 90 मिनट के भीतर पहुंचाना था. इस योजना का परीक्षण ‘रॉकेट कार्गो प्रोग्राम’ के तहत किया जाना था, जिसे वायु सेना अनुसंधान प्रयोगशाला संचालित कर रही थी.
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SpaceX project: बना ये विवाद की वजह
रॉकेट लैंडिंग का प्रस्तावित स्थल था जॉनस्टन एटोल, हवाई से करीब 1,300 किमी दूर स्थित 2.5 वर्ग किलोमीटर का निर्जन द्वीप, जो ‘प्रशांत सुदूर द्वीप समुद्री राष्ट्रीय स्मारक’ का हिस्सा है. यह द्वीप अमेरिका द्वारा संघीय स्तर पर संरक्षित वन्यजीव शरणस्थल घोषित है.
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14 पक्षी प्रजातियों पर खतरे की आशंका
बायो साइंटिस्ट और संरक्षणवादियों ने आशंका जताई कि रॉकेट लैंडिंग से इस द्वीप पर घोंसला बना रही समुद्री पक्षियों की करीब 14 प्रजातियों के घर बर्बाद हो सकते हैं. इनमें रेड-टेल्ड ट्रॉपिकबर्ड, व्हाइट टर्न और विभिन्न बूबी प्रजातियां शामिल हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक यह द्वीप इन पक्षियों के लिए अंतिम सुरक्षित प्रजनन स्थलों में से एक है, और किसी भी प्रकार का व्यवधान उनके पूरे प्रजनन चक्र को नुकसान पहुंचा सकता है.