कार्मिक प्रबंधन कार्यालय (OPM) द्वारा फरवरी में सरकारी एजेंसियों को यह आदेश दिया गया था. इसके अनुसार, प्रोबेशन में काम कर रहे उन सभी कर्मचारियों को हटा दिया जाए, जिनकी नियुक्ति पिछले 1-2 वर्षों में हुई है. निर्देश के अनुसार 2 लाख सरकारी कर्मचारी, जो यूएस के कुल सरकारी कर्मचारियों का 10% हैं, उन्हें निकालने का आदेश भी दिया गया था. इस फैसले पर विरोध करते हुए श्रमिक संघ ने इसे गैरकानूनी कहा और अदालत का दरवाजा खटखटाया. इसके बाद न्यायाधीश ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए रक्षा विभाग, नेशनल पार्क सर्विस और नेशनल साइंस फाउंडेशन समेत अन्य एजेंसियों से कर्मचारियों को हटाने के निर्देश पर रोक लगा दी है.
न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा, “कांग्रेस एजेंसियों को खुद से अपने कर्मचारियों को रखने और निकालने का अधिकार दिया है. कार्मिक प्रबंधन कार्यालय (OPM) के पास किसी भी कानून के तहत किसी दूसरी एजेंसी के कर्मचारियों को रखने या निकालने का कोई अधिकार नहीं है. संघीय वकील ने दस्तावेजों में लिखा, “कार्मिक प्रबंधन कार्यालय, जो देश में रोजगार कानून को लागू करता है, उसने ही देश के इतिहास में सबसे बड़ा रोजगार घोटाला किया है. साथी उन्होंने यह भी कहा कि कार्यस्थल पर अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद कई कर्मचारियों को निकाला गया है.”
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