अमेरिका में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ 2000 सैनिकों की तैनाती, गवर्नर ने जताई चिंता, कहा ‘जानबूझकर भड़काने की कोशिश’
Los Angeles: अमेरिका के लॉस एंजेल्स शहर में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2000 राष्ट्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. जिस पर चिंता जताते हुए विश्लेषकों ने कहा है कि यह फैसला समय से काफी पहले ही ले लिया गया है. ट्रंप विरोध को दबाने की कोशिश कर रहे हैं.
By Neha Kumari | June 9, 2025 8:36 AM
Los Angeles: अमेरिका के लॉस एंजेल्स शहर में लगातार लोग इमिग्रेशन रेड के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच प्रदर्शन कर रहे लोगों और संघीय एजेंटों के बीच बहस हो गई, जिसने जल्द ही हिंसा का रूप ले लिया. इसे देखते हुए 7 जून को इलाके में ट्रंप प्रशासन की तरफ से 2000 राष्ट्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई. लेकिन ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को लेकर विश्लेषकों का कहना है कि यह विरोध प्रदर्शनों को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है.
ट्रंप के फैसले पर विश्लेषक की राय
राष्ट्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी के लॉ प्रोफेसर डेनियल उरमैन ने अमेरिकी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत की. उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप को विद्रोह की स्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करने का कानूनी अधिकार है. लेकिन यह कदम आमतौर पर गवर्नर की अपील पर उठाया जाता है, वह भी तब जब देश में बहुत बड़े पैमाने पर अशांति का माहौल छाया हो. प्रोफेसर का कहना है कि लॉस एंजेलिस में हुआ प्रदर्शन इतना बड़ा नहीं था जिसके लिए 2000 राष्ट्रीय सुरक्षा बलों को तैनात किया जाए.
आगे पत्रकारों से बात करते हुए वह कहते हैं कि ट्रंप द्वारा समय से पहले ही इस अधिकार का उपयोग कर लिया गया है. उरमैन ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के पीछे मकसद है कि वह विरोध को दबा दें.
व्हाइट हाउस की ओर से जारी किया गया बयान
सुरक्षा बलों की तैनाती के बाद व्हाइट हाउस की ओर से एक बयान जारी किया गया है. इसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने देश में अराजकता को खत्म करने के उद्देश्य से एक ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किया है. हालांकि ट्रंप के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजम ने कहा है कि प्रशासन द्वारा यह फैसला जानबूझकर प्रदर्शनकारियों को भड़काने के लिए लिया गया है.