कंपनी ने नोटिस में कहा था कि 28 से 58 वर्ष के सभी अविवाहित कर्मचारियों, जिनमें तलाकशुदा लोग भी शामिल हैं, को इस साल सितंबर के अंत तक शादी करके घर बसाना होगा. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा.
कंपनी ने दिया अजीबोगरीब तर्क
कंपनी का तर्क था कि वह पारिवारिक मूल्यों और पारंपरिक चीनी विचारों को बढ़ावा दे रही है, साथ ही सरकार की मांगों का पालन करना भी उनकी जिम्मेदारी है. कंपनी का कहना था कि “सिंगल रहना बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं है” और माता-पिता की इच्छाओं को नजरअंदाज करना एक बेटे का धर्म नहीं है. हालांकि, इस फैसले की जबरदस्त आलोचना हुई और बाद में कंपनी को इसे वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. कंपनी ने यह आश्वासन दिया कि अब किसी भी कर्मचारी को उनकी वैवाहिक स्थिति के आधार पर बर्खास्त नहीं किया जाएगा.
कानूनी जानकारों ने गलत ठहराया
कानूनी जानकारों ने भी इस निर्णय को गलत ठहराया और बताया कि कंपनी का यह आदेश चीन के लेबर कानून और लेबर कॉन्ट्रैक्ट कानून का उल्लंघन करता है. इस पूरे मामले ने चीन में भारी विवाद और आलोचना का सामना किया, जिसके कारण कंपनी को अपने फैसले को बदलना पड़ा.
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