Hajj 2025: मक्का-मदीना पर मंडराया खतरा? हज के बीच मिसाइल तैनात 

Hajj 2025: हज के दौरान मक्का-मदीना की सुरक्षा के लिए सऊदी अरब ने अमेरिकी पैट्रियट मिसाइल सिस्टम तैनात किया है. बढ़ते क्षेत्रीय खतरे के बीच यह हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई है.

By Aman Kumar Pandey | June 7, 2025 10:47 AM
an image

Hajj 2025: हज के दौरान मक्का और मदीना की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सऊदी अरब ने अमेरिकी पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम को तैनात किया है. सऊदी रक्षा मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी की गई तस्वीरों में देखा गया कि रेथियॉन द्वारा विकसित MIM-104 पैट्रियट मिसाइल प्रणाली मक्का और ग्रैंड मस्जिद के पास तैनात है. यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब मिडिल ईस्ट में बढ़ते क्षेत्रीय तनाव और हवाई खतरों को देखते हुए सुरक्षा चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं.

पैट्रियट मिसाइल सिस्टम को इससे पहले यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जा चुका है. अब इस सिस्टम की तैनाती हज के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए की गई है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल सऊदी सरकार ने लगभग 15 लाख हज यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था तैयार की है, जिसमें एडवांस एयर डिफेंस टेक्नोलॉजी, आधुनिक निगरानी प्रणालियां, और जमीनी सैन्य और नागरिक पुलिस बलों के बीच मजबूत समन्वय शामिल है. सऊदी रक्षा मंत्रालय ने पैट्रियट मिसाइल सिस्टम की तस्वीरों के साथ अरबी भाषा में एक कैप्शन भी साझा किया है, जिसमें लिखा गया है “एयर डिफेंस फोर्स… एक आंख जो कभी नहीं सोती.” इस संदेश का उद्देश्य मुस्लिम तीर्थयात्रियों को यह आश्वासन देना है कि उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए गए हैं.

इसे भी पढ़ें: यूके, इंग्लैंड और ग्रेट ब्रिटेन में क्या अंतर? आधा भारत नहीं जानता

इस तैनाती के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं आई हैं. कई यूजर्स ने इसे यमन के हूती विद्रोहियों के लिए एक कड़ा संदेश करार दिया. एक यूजर ने लिखा “अल्लाह आपको मजबूत करे और हूतियों को नाकाम करे.” इससे यह संकेत मिलता है कि सुरक्षा उपायों के साथ-साथ यह तैनाती सऊदी की सामरिक शक्ति का भी प्रदर्शन है.

इसे भी पढ़ें: USA और अमेरिका में क्या अंतर? आधा भारत नहीं जानता

गौरतलब है कि 2022 में अमेरिका ने सऊदी अरब को 3.05 अरब डॉलर के रक्षा पैकेज के तहत 300 पैट्रियट MIM-104E GEM-T मिसाइलें बेचने की मंजूरी दी थी. यह डील हूती विद्रोहियों के बढ़ते खतरों के मद्देनजर की गई थी. इस मिसाइल प्रणाली की सबसे बड़ी खासियत इसकी हाईस्पीड इंटरसेप्शन क्षमता है. PAC-3 वर्जन में लगे एडवांस रडार और इंटरसेप्टर सिस्टम तेज़ रफ्तार लक्ष्यों को भेदने में सक्षम हैं. इसकी ऑपरेशनल रेंज करीब 160 किलोमीटर तक है और यह 6,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ रहे टारगेट को भी सटीकता से निशाना बना सकता है.

इसे भी पढ़ें: आतंकी नेटवर्क पर सख्त थे ट्रंप, फिर पाकिस्तान पर क्यों हो गए नरम?

बीते वर्षों में हूती विद्रोहियों ने कई बार सऊदी अरब के अलग-अलग इलाकों पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किए हैं, जिनमें मक्का और इसके आसपास के क्षेत्र भी शामिल रहे हैं. हज जैसे विशाल धार्मिक आयोजन के दौरान किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए सऊदी अरब ने अमेरिका की इस एडवांस प्रणाली पर भरोसा जताया है. कुल मिलाकर, सऊदी अरब द्वारा हज के मौके पर पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती न सिर्फ सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि राज्य अब तकनीक के सहारे अपनी धार्मिक और सामरिक जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभा रहा है.

इसे भी पढ़ें: इलाज के नाम पर 25 बच्चों की किडनी निकाली, देखें वीडियो 

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version