Henley Passport Index 2025: पासपोर्ट रैंकिंग में पाकिस्तान की छलांग, भारत फिसला, जानें पूरी जानकारी

Henley Passport Index 2025: हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 में पाकिस्तान को 100वां स्थान मिला है, लेकिन यह सोमालिया और यमन जैसे संकटग्रस्त देशों के साथ खड़ा है. इसके बावजूद पाक सरकार इसे उपलब्धि बता रही है, जबकि असलियत में वीजा सुविधाओं के मामले में स्थिति बेहद कमजोर है.

By Aman Kumar Pandey | July 1, 2025 5:22 PM
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Henley Passport Index 2025: हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा जारी 2025 के ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स में पाकिस्तान को 100वां स्थान मिला है. यह रैंकिंग उन देशों को दर्शाती है जिनके नागरिक बिना वीजा या वीजा-ऑन-अराइवल के कितने देशों की यात्रा कर सकते हैं. पाकिस्तान अब 32 देशों में बिना वीजा या ऑन-अराइवल वीजा की सुविधा प्राप्त कर सकता है. हालांकि इनमें से ज्यादातर देश छोटे या कमजोर पासपोर्ट नीतियों वाले हैं, जैसे मालदीव, कतर या कुछ अफ्रीकी और कैरेबियाई राष्ट्र. पश्चिमी देश, यूरोपियन यूनियन, अमेरिका, यूके जैसे ताकतवर राष्ट्र अब भी पाकिस्तानियों को वीजा ऑन अराइवल की सुविधा नहीं देते.

इसके बावजूद पाकिस्तान की सरकार और मीडिया इस रैंकिंग को बड़ी कामयाबी बताकर प्रचारित कर रहे हैं. पाकिस्तान के इमिग्रेशन और पासपोर्ट विभाग के डायरेक्टर जनरल मुस्तफा जमाल काजी ने कहा कि पासपोर्ट रैंकिंग में सुधार ई-पासपोर्ट और इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) के मानकों पर आधारित NFC चिप्स के कारण संभव हुआ है. उन्होंने देशवासियों को “सुधार” के लिए बधाई भी दी.

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गौर करने वाली बात यह है कि पाकिस्तान की रैंकिंग जिन देशों के बराबर है, वे भी युद्ध या हिंसा से ग्रस्त हैं जैसे सोमालिया और यमन. जबकि पाकिस्तान से नीचे इराक, सीरिया और अफगानिस्तान जैसे देश हैं, जो वर्षों से राजनीतिक अस्थिरता और आंतरिक संघर्षों से जूझ रहे हैं. भारत की बात करें तो उसे इस साल 82वां स्थान मिला है, जो पिछले साल के मुकाबले दो पायदान नीचे है. भारत के पासपोर्ट से कुल 62 देशों में वीजा-फ्री या ऑन-अराइवल एंट्री मिलती है, जो पाकिस्तान से लगभग दोगुनी है.

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दुनिया के सबसे ताकतवर पासपोर्ट की सूची में सिंगापुर पहले स्थान पर है. इसके बाद जापान और साउथ कोरिया संयुक्त रूप से दूसरे, जबकि फ्रांस, जर्मनी, स्पेन जैसे यूरोपीय देश तीसरे स्थान पर हैं. अमेरिका 10वें और यूके छठें स्थान पर हैं. सबसे नीचे अफगानिस्तान (103वें) स्थान पर है. इस स्थिति में पाकिस्तान के 100वें स्थान को उपलब्धि बताना, शायद हकीकत से आंख चुराने जैसा है. जब तक पासपोर्ट की असली ताकत यानी ग्लोबल ट्रैवल एक्सेस और डिप्लोमैटिक विश्वसनीयता नहीं बढ़ती, तब तक यह ‘सुधार’ एक कड़वी सच्चाई के ऊपर सिर्फ दिखावटी मिठास ही रहेगा.

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