कैसा होगा पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार? नहीं होगा शाही तामझाम, जानें उनकी अंतिम इच्छा

Pope Francis: ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. नौ दिनों तक चलने वाले पारंपरिक शोक ‘नोवेन्डिएल’ के बीच इस बार कई सदियों पुरानी परंपराएं टूट रही हैं. पोप फ्रांसिस ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वे एक सामान्य पादरी की तरह सादगीपूर्ण अंतिम संस्कार चाहते हैं.

By Ayush Raj Dwivedi | April 22, 2025 1:49 PM
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Pope Francis: वेटिकन सिटी से बड़ी खबर सामने आई है ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हो गई हैं. पोप फ्रांसिस के निधन के बाद अब वेटिकन में नौ दिनों तक पारंपरिक शोक मनाया जाएगा जिसे नोवेन्डिएल कहा जाता है. पोप फ्रांसिस ने साल 2024 में ही अपने अंतिम संस्कार की योजना स्पष्ट कर दी थी. उन्होंने पारंपरिक रीति-रिवाजों में बदलाव की इच्छा जताते हुए कहा था कि वे एक सामान्य पादरी की तरह दफन होना चाहते हैं न कि पोप के रूप में विशेष सम्मान के साथ.

नहीं होंगे पारंपरिक तीन परत वाले ताबूत

जहां आमतौर पर पोप को तीन परतों वाले विशेष ताबूत में दफनाया जाता है. वहीं पोप फ्रांसिस ने एक सामान्य लकड़ी के कॉफिन की इच्छा जताई थी. वे नहीं चाहते थे कि उनका शरीर ऊंचे प्लेटफॉर्म पर रखा जाए या अंगों को निकाला जाए जो कि पुराने समय की परंपरा रही है.

मारिया मैगीगोर बेसिलिका में होगा अंतिम विश्राम


पोप फ्रांसिस ने सांता मारिया मैगीगोर बेसिलिका को अपनी अंतिम विश्रामस्थली के रूप में चुना है. यह चर्च रोम का एक ऐतिहासिक और प्रिय स्थल है, जहां पोप अक्सर प्रार्थना करने जाते थे.

बदल चुकी हैं सदियों पुरानी परंपराएं

16वीं से 19वीं सदी तक पोप के शरीर से दिल, लीवर और तिल्ली जैसे अंग निकालकर उन्हें संगमरमर के कलशों में संरक्षित करने की परंपरा थी. आज भी 22 पोप के अंग ट्रेवी फाउंटेन के पास एक चर्च में सुरक्षित हैं. लेकिन पोप फ्रांसिस ने ऐसी परंपराओं को समाप्त करने का निर्णय लिया था.

अंतिम दर्शन के लिए खोले जाएंगे दरवाज़े

पोप फ्रांसिस का पार्थिव शरीर सेंट पीटर्स बेसिलिका में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा, जहां आम लोग और विश्वभर से श्रद्धालु उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे. यह साधारण लेकिन गरिमामयी विदाई एक युग के अंत और पोप फ्रांसिस के विनम्र व्यक्तित्व की झलक देती है, जिन्होंने हर पहलू में सादगी और सेवा को प्राथमिकता दी.

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