नहीं होंगे पारंपरिक तीन परत वाले ताबूत
जहां आमतौर पर पोप को तीन परतों वाले विशेष ताबूत में दफनाया जाता है. वहीं पोप फ्रांसिस ने एक सामान्य लकड़ी के कॉफिन की इच्छा जताई थी. वे नहीं चाहते थे कि उनका शरीर ऊंचे प्लेटफॉर्म पर रखा जाए या अंगों को निकाला जाए जो कि पुराने समय की परंपरा रही है.
मारिया मैगीगोर बेसिलिका में होगा अंतिम विश्राम
पोप फ्रांसिस ने सांता मारिया मैगीगोर बेसिलिका को अपनी अंतिम विश्रामस्थली के रूप में चुना है. यह चर्च रोम का एक ऐतिहासिक और प्रिय स्थल है, जहां पोप अक्सर प्रार्थना करने जाते थे.
बदल चुकी हैं सदियों पुरानी परंपराएं
16वीं से 19वीं सदी तक पोप के शरीर से दिल, लीवर और तिल्ली जैसे अंग निकालकर उन्हें संगमरमर के कलशों में संरक्षित करने की परंपरा थी. आज भी 22 पोप के अंग ट्रेवी फाउंटेन के पास एक चर्च में सुरक्षित हैं. लेकिन पोप फ्रांसिस ने ऐसी परंपराओं को समाप्त करने का निर्णय लिया था.
अंतिम दर्शन के लिए खोले जाएंगे दरवाज़े
पोप फ्रांसिस का पार्थिव शरीर सेंट पीटर्स बेसिलिका में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा, जहां आम लोग और विश्वभर से श्रद्धालु उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे. यह साधारण लेकिन गरिमामयी विदाई एक युग के अंत और पोप फ्रांसिस के विनम्र व्यक्तित्व की झलक देती है, जिन्होंने हर पहलू में सादगी और सेवा को प्राथमिकता दी.