India Brahmos Strike On Noor khan Airbase: ब्रह्मोस हमले से थर्राया पाकिस्तान, फैसले के लिए थे सिर्फ 30 सेकंड

India Brahmos Strike On Noor khan Airbase: सनाउल्लाह ने कहा कि इस स्थिति में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका अहम रही, जिन्होंने दुनिया को संभावित परमाणु संकट से बचाने में मदद की.

By Aman Kumar Pandey | July 3, 2025 6:11 PM
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India Brahmos Strike On Noor khan Airbase: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 भारतीयों की जान जाने के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कड़ा जवाब दिया. मई की शुरुआत में शुरू हुए इस अभियान में भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की कई ठिकानों को तबाह कर दिया. इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.

जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने जम्मू से लेकर गुजरात तक ड्रोन के जरिए हमलों की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायुसेना ने सतर्कता दिखाते हुए उन्हें हवा में ही मार गिराया. इसके बाद भारत ने एक और बड़ा कदम उठाया और पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें इस्लामाबाद के पास स्थित नूर खान एयरबेस भी शामिल था.

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अब इस ऑपरेशन को लेकर पाकिस्तान के भीतर से बड़ा बयान सामने आया है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के करीबी और उनके विशेष सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने पत्रकार हामिद मीर से बातचीत में माना कि भारत के हमले ने पाकिस्तान की लीडरशिप को झकझोर दिया था. उन्होंने बताया कि जब भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल दागी और वह नूर खान एयरबेस पर गिरी, तब पाकिस्तानी नेतृत्व के पास यह तय करने के लिए सिर्फ 30 सेकंड का समय था कि मिसाइल परमाणु हथियार से लैस है या नहीं. इतनी कम समय में सही निर्णय लेना बेहद मुश्किल था और अगर कोई गलत फैसला हो जाता, तो नतीजा परमाणु युद्ध हो सकता था.

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सनाउल्लाह ने कहा कि इस स्थिति में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका अहम रही, जिन्होंने दुनिया को संभावित परमाणु संकट से बचाने में मदद की. हालांकि भारत ने इस दावे को खारिज किया है और स्पष्ट किया कि सीजफायर को लेकर दोनों देशों के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) स्तर पर बातचीत हुई थी, जिसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी. भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को भारी सैन्य और मनोवैज्ञानिक नुकसान झेलना पड़ा. यह कार्रवाई दिखाती है कि भारत अब आतंकी हमलों के जवाब में सीधे और निर्णायक कदम उठाने से पीछे नहीं हटता.

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