India Drone Missile Test: रक्षा मंत्री ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस कामयाबी पर DRDO, उद्योगों, डीपीएसयू, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए इसे ‘मेजर बूस्ट’ बताया.
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क्या है ULPGM-V3 मिसाइल?
ULPGM-V3, दरअसल, इसके पुराने संस्करण ULPGM-V2 का उन्नत रूप है. इसमें इमेजिंग इंफ्रारेड (IIR) सीकर और ड्यूल थ्रस्ट इंजन जैसे एडवांस फीचर जोड़े गए हैं. यह मिसाइल हल्की होती है और इसे विभिन्न ड्रोन प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है. यह दुश्मन पर सटीक और तेजी से हमला करने में सक्षम है.
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NOAR रेंज में हो रहे अत्याधुनिक परीक्षण
कुरनूल स्थित NOAR रेंज को DRDO द्वारा अत्याधुनिक तकनीकों के परीक्षण के लिए चुना गया है. हाल ही में यहां लेजर आधारित हथियारों और ड्रोन-रोधी तकनीकों के सफल परीक्षण भी किए गए हैं. यह रेंज अब भारत के हाई-टेक डिफेंस इनोवेशन का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है.
यह परीक्षण ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की दिशा में एक और अहम सफलता मानी जा रही है. इससे यह भी साबित होता है कि भारतीय उद्योग अब अत्याधुनिक रक्षा तकनीक को विकसित करने और उत्पादन करने में पूरी तरह सक्षम हो चुका है.