India Pakistan Citizenship Certificate Document: नागरिकता का प्रमाण किसी भी देश में पहचान और हक की बुनियाद होता है. भारत और पाकिस्तान दोनों में नागरिकता साबित करने के नियम हैं, लेकिन दस्तावेजों की प्रकृति और उनकी मान्यता अलग-अलग है. भारत में कई दस्तावेजों के जरिए नागरिकता साबित की जा सकती है, जबकि पाकिस्तान में सिर्फ एक दस्तावेज को सबसे अहम माना जाता है.
India Pakistan Citizenship Certificate Document: भारत में नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज
भारत में नागरिकता को साबित करने के लिए कोई एकल दस्तावेज अनिवार्य नहीं है. हालांकि कुछ सरकारी प्रक्रियाओं या कानूनी मांगों पर यह जरूरी हो सकता है कि नागरिक अपनी नागरिकता का प्रमाण पेश करें. इसके लिए आमतौर पर इन दस्तावेजों को मान्यता दी जाती है: (India Pakistan Citizenship Certificate Document in Hindi)
- भारतीय पासपोर्ट: यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की नागरिकता का सबसे पुख्ता सबूत माना जाता है.
- नेशनलिटी सर्टिफिकेट: राज्य सरकार द्वारा जारी यह दस्तावेज भी नागरिकता के प्रमाण में आता है.
- जन्म प्रमाण पत्र: नगर निगम या अधिकृत संस्था द्वारा जारी वैध जन्म प्रमाणपत्र नागरिकता दर्शाता है.
- नेचुरलाइजेशन/रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट: यह दस्तावेज उन व्यक्तियों को जारी किया जाता है जिन्हें भारत की नागरिकता विदेशी मूल से प्राप्त हुई हो.
भारत में ये दस्तावेज रोजमर्रा की जिंदगी में अनिवार्य नहीं होते, लेकिन जरूरत पड़ने पर इनमें से कोई एक दस्तावेज नागरिकता का प्रमाण माने जाते हैं.
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पाकिस्तान में CNIC ही नागरिकता का सबसे बड़ा प्रमाण
पाकिस्तान में नागरिकता साबित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है कंप्यूटराइज्ड नेशनल आइडेंटिटी कार्ड (CNIC). यह दस्तावेज 18 साल से ऊपर के हर पाकिस्तानी नागरिक के लिए अनिवार्य है. इस कार्ड को पाकिस्तान की नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (NADRA) द्वारा जारी किया जाता है. CNIC कार्ड के बिना पाकिस्तान में न तो पहचान संभव है और न ही सरकारी कामकाज. पुलिस जांच, सरकारी नौकरी, बैंकिंग सेवाओं से लेकर मोबाइल कनेक्शन तक हर जगह इसकी जरूरत होती है.
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CNIC नहीं तो बढ़ती हैं मुश्किलें
पाकिस्तान में बड़ी संख्या में अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्थी रह रहे हैं. लेकिन CNIC नहीं होने के कारण उन्हें पहचान और मूलभूत सेवाएं पाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार ऐसे लोग कानूनी प्रक्रिया में फंस जाते हैं क्योंकि उनके पास नागरिकता का वैध सबूत नहीं होता. अगर कोई व्यक्ति पाकिस्तान की नागरिकता लेना चाहता है, तो इसके लिए कुछ कानूनी शर्तें पूरी करनी होती हैं:
- आवेदक को पाकिस्तान में लगातार कुछ वर्षों तक कानूनी रूप से रहना चाहिए.
- उसकी पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट क्लियर होनी चाहिए.
- उसके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए.
इसके अलावा, शादी के आधार पर भी पाकिस्तान की नागरिकता मिल सकती है. लेकिन इसके लिए यह साबित करना जरूरी होता है कि शादी असली है और कम से कम दो साल से चल रही है. कुछ खास मामलों में पाकिस्तान की सरकार विशेष अधिकार का प्रयोग कर नागरिकता दे सकती है, लेकिन इस पर आखिरी फैसला पाकिस्तान के इंटीरियर मिनिस्ट्री का होता है.
भारत में नागरिकता साबित करने के लिए कई विकल्प हैं और अलग-अलग दस्तावेज मान्य होते हैं. वहीं पाकिस्तान में सिर्फ एक कार्ड CNIC को ही पहचान और नागरिकता का प्रमाण माना जाता है.
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