भारत की ओर से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि वह किसी भी प्रकार के तनाव को बढ़ावा नहीं देना चाहता, लेकिन अगर देश की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा को खतरा हुआ तो भारत माकूल जवाब देने में हिचकेगा नहीं. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच में साफ हो चुका है कि इसके पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) जिम्मेदार है.
बीती रात पाकिस्तान ने अपनी कायरता दिखाते हुए भारत के कई शहरों पर ड्रोन और मिसाइल से हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इन सभी खतरों को हवा में ही नष्ट कर दिया. साथ ही भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के एफ-16 समेत तीन लड़ाकू विमानों को भी मार गिराया. जम्मू, पठानकोट और जैसलमेर जैसे सीमावर्ती शहरों को निशाना बनाया गया, लेकिन भारत की सतर्कता के कारण पाकिस्तान की योजना नाकाम रही.
इसे भी पढ़ें: भारत-पाक रिश्तों में तनाव के बीच हाफिज सईद की रिहाई की तैयारी? लाहौर हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका
इन हमलों के जवाब में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला किया. इसमें 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के दस सदस्य भी मारे गए, जिससे पाकिस्तान की बौखलाहट और बढ़ गई है. जवाबी कार्रवाई के तहत भारत ने लाहौर, सियालकोट समेत कई पाकिस्तानी शहरों में भी हमले किए हैं.
इसके साथ ही नियंत्रण रेखा (LoC) पर भी संघर्ष जारी है. पाकिस्तानी सेना द्वारा की जा रही गोलीबारी में अब तक 16 निर्दोष भारतीय नागरिकों की जान जा चुकी है. शुक्रवार सुबह पुंछ और राजौरी जिलों में की गई गोलाबारी में एक ग्रामीण की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हुए हैं. भारतीय सेना ने इन हमलों का करारा जवाब दिया है और सीमा पर चौकसी और बढ़ा दी गई है.
इसे भी पढ़ें: भारत के वो घातक हथियार, जिनकी मार से आसमान में ही राख बन गईं पाक की मिसाइलें