Turkey-Azerbaijan: क्या तुर्की-अजरबैजान जानें पर रोक लगाएगा भारत? क्या है मोदी सरकार का अगला कदम

Turkey Azerbaijan: भारत सरकार तुर्किये और अजरबैजान की भारत-विरोधी नीतियों के चलते वहां पर्यटन, डेस्टिनेशन वेडिंग और फिल्म शूटिंग को हतोत्साहित करने पर विचार कर रही है. इससे दोनों देशों के साथ सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों में गिरावट आ सकती है.

By Aman Kumar Pandey | May 15, 2025 7:08 PM
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Turkey Azerbaijan: भारत सरकार तुर्किये और अजरबैजान के प्रति अपनी नीति में बदलाव करने की तैयारी कर रही है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आने वाले समय में इन दोनों देशों में भारतीय पर्यटकों की आवाजाही, डेस्टिनेशन वेडिंग और फिल्म शूटिंग जैसे आयोजनों में उल्लेखनीय कमी देखने को मिल सकती है. इसकी प्रमुख वजह यह है कि तुर्किये और अजरबैजान ने हालिया संघर्ष के दौरान भारत विरोधी रुख अपनाया और पाकिस्तान का खुला समर्थन किया.

सूत्रों के अनुसार, तुर्किये और अजरबैजान ने न सिर्फ पाकिस्तान के पक्ष में बयान दिए, बल्कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकी शिविरों पर भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई की आलोचना भी की. गौरतलब है कि पाकिस्तान ने इस संघर्ष में तुर्किये से प्राप्त ड्रोन तकनीक का बड़े पैमाने पर उपयोग किया था. इस घटनाक्रम के बाद भारत के शैक्षणिक जगत में भी प्रतिक्रिया देखने को मिली है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) सहित कई उच्च शिक्षण संस्थानों ने तुर्किये के विश्वविद्यालयों के साथ अपने शैक्षणिक सहयोग को या तो निलंबित कर दिया है या उस पर पुनर्विचार कर रहे हैं.

भारत सरकार अब इस दिशा में विचार कर रही है कि किस प्रकार भारतीय नागरिकों को तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा करने से रोका जाए, क्योंकि इन देशों को भारतीय पर्यटकों से हर वर्ष बड़ी मात्रा में राजस्व प्राप्त होता है. अनुमान है कि वर्ष 2023 में लगभग तीन लाख भारतीय पर्यटक तुर्किये गए, जबकि दो लाख से अधिक अजरबैजान गए थे.

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पर्यटन के अलावा, डेस्टिनेशन वेडिंग और विदेशी लोकेशनों पर भारतीय फिल्मों की शूटिंग भी दोनों देशों के लिए राजस्व का महत्वपूर्ण स्रोत रही है. भारतीय और अनिवासी भारतीय (एनआरआई) बड़ी संख्या में इन दोनों देशों में शादी समारोह आयोजित करते हैं, जिनमें करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं. प्राकृतिक सौंदर्य, आकर्षक रेस्तरां और आधुनिक सुविधाएं इन देशों को लोकप्रिय बनाती रही हैं. लेकिन अब भारत सरकार इन आयोजनों को हतोत्साहित करने के विकल्प तलाश रही है.

फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी संस्थाएं जैसे ‘फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज’ (FWICE) और ‘ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन’ (AICWA) ने फिल्म निर्माताओं और कलाकारों से अपील की है कि वे तुर्किये को शूटिंग स्थल के रूप में न चुनें, क्योंकि यह देश पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा हुआ है. इसके अलावा, सरकार ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि जो फिल्म निर्माता इन दोनों देशों में शूटिंग करेंगे, उन्हें भारत सरकार से किसी प्रकार की सहायता नहीं मिलेगी.

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व्यापार के आंकड़ों पर नजर डालें तो अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच भारत से तुर्किये को 5.2 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 6.65 अरब डॉलर था. यह गिरावट दोनों देशों के रिश्तों में खटास का संकेत मानी जा रही है. कुल मिलाकर, भारत सरकार अब विदेश नीति में उन देशों के प्रति कड़ा रुख अपना रही है जो आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के विरोध में खड़े होते हैं. तुर्किये और अजरबैजान को लेकर भी यही नीति अपनाई जा रही है, जिससे इन दोनों देशों के साथ पर्यटन, शिक्षा, फिल्म और व्यापार के क्षेत्र में संबंध प्रभावित हो सकते हैं.

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