यह मामला सितंबर 2020 का है, जब एक महिला पेट दर्द और पीरियड मिस होने की समस्या लेकर सिडनी के मेरिलैंड्स क्लिनिक में डॉक्टर मोहनदास बालासिंघम से मिली थी. महिला का आरोप है कि डॉक्टर ने उससे कई आपत्तिजनक सवाल किए, जैसे उसके सेक्सुअल पार्टनर की संख्या, पहली बार कब यौन रूप से सक्रिय हुई और उसके बॉयफ्रेंड्स की राष्ट्रीयता को लेकर भी सवाल पूछे. महिला ने बताया कि क्लिनिक से बाहर निकलने के बाद वह इस अनुभव से बहुत आहत हुई और अपने साथी के सामने रोते हुए यह घटना बताई. इसके दो दिन बाद उसने हेल्थ केयर कंप्लेंट्स कमीशन (HCCC) में शिकायत दर्ज कराई.
इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान ने किया हवाई हमला, 4 बच्चों की मौत, 5 लोग घायल, देखें वीडियो
सुनवाई के दौरान, NCAT ने डॉक्टर को “असंतोषजनक पेशेवर आचरण” और “पेशेवर दुर्व्यवहार” का दोषी पाया और उनके मेडिकल प्रैक्टिस पर तीन साल का प्रतिबंध लगाया. हालांकि, डॉक्टर ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि यह मामला गलतफहमी और झूठे आरोपों पर आधारित है. उन्होंने HCCC पर झूठे आरोप लगाने और उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही, डॉक्टर ने 20 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (करीब 110 करोड़ रुपये) की मानहानि की याचिका भी दायर की है. उनका कहना है कि महिला उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रही थी. यह मामला डॉक्टर के पेशेवर आचरण और मरीजों के अधिकारों के बीच की संवेदनशीलता को दर्शाता है, और यह विवाद अभी भी कानूनी रूप से जारी है.
इसे भी पढ़ें: पुरुष महिलाओं से 5 इंच लंबे क्यों होते हैं? जानें वैज्ञानिक कारण
इसे भी पढ़ें: कौन-सी नौकरी देती है सबसे ज्यादा तनाव? वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा
इसे भी पढ़ें: कौन-सी नौकरी देती है सबसे ज्यादा सुकून? वैज्ञानिकों ने बताया