कई वैज्ञानिक उपकरणों से लैस है एथेना
एथेना कई वैज्ञानिक उपकरणों से लैस है. जो चंद्रमा की जमीन का अध्ययन करेंगे. कई और जरूरी परीक्षण के लिए इसमें उपकरण लगे हैं. एथेना मिशन का मकसद संसाधनों का पता लगाना है. यह लैंडर ड्रिल और स्पेक्ट्रोमीटर जैसे उपकरणों से चंद्रमा की मिट्टी में मौजूद गैसों और बर्फ का पता लगाएगा. सबसे बड़ी बात कि यह प्रयोग खासतौर पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास स्थित मॉन्स पहाड़ी इलाकों में किया जाएगा. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यहां पानी बर्फ के रूप में मौजूद है. ऐसे में भविष्य में चंद्रमा पर कॉलोनी बसाने की योजना को मजबूती मिलेगी. साथ ही मंगल पर मिशन भेजने में आसानी होगी.
चांद पर कैसे काम करेगा मोबाइल नेटवर्क?
नोकिया ने चांद के लिए खास तौर पर Lunar Surface Communication System (LSCS) नाम से सिस्टम विकसित किया है. इसकी मदद से चांद पर हाई क्वालिटी की वीडियो स्ट्रीमिंग, कमांड-एंड-कंट्रोल कम्युनिकेशन और डेटा ट्रांसफर हो सकेगा. नासा ने मिशन को लेकर कहा है कि यह नेटवर्क अंतरिक्ष के बेहद कठिन हालात, रेडिएशन और चरम तापमान को भी झेल सकता है.
नासा के आर्टेमिस प्रोग्राम में मिलेगी मदद
नासा अपने आर्टेमिस प्रोग्राम में जुटा हुआ है. नासा साल 2028 तक इंसानों को फिर से चंद्रमा पर भेजने के मिशन पर काम कर रहा है. एथेना मिशन के इस नेटवर्क से आर्टेमिस प्रोग्राम को काफी मदद मिलने की संभावना जताई जा रही है. नोकिया की ओर से भी कहा गया है कि चंद्रमा पर मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवा स्थापित का मकसद भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों और उनकी खोजों को और सुलभ बनाना है. इसके अलावा चांद पर कमर्शियल गतिविधियों को बढ़ावा देना भी शामिल है. इस अभियान के जरिए चांद के वातावरण के बारे में सटीक जानकारी हासिल करना है. इस मिशन के जरिए यह भी पता लगाया जाएगा कि भविष्य में चांद पर इंसान बस सकते हैं या नहीं.
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