Iran Nuclear Strike Tensions: खामेनेई के करीबी की अमेरिका को खुली धमकी, नौसेना पर मिसाइल हमले की अपील, क्या ईरान करेगा जवाबी हमला?

Iran Nuclear Strike Tensions: अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला कर खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है. खामेनेई के सलाहकार ने अमेरिका को मिसाइल हमले की धमकी दी है.

By Aman Kumar Pandey | June 22, 2025 1:24 PM
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Iran Nuclear Strike Tensions: पश्चिम एशिया में तनाव की स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है. अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर बड़े स्तर पर हवाई हमले कर उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया है. इस हमले के बाद खाड़ी देशों और पूरे पश्चिम एशिया में हालात विस्फोटक होते जा रहे हैं. इस कार्रवाई को अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम कसने की बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी और कट्टरपंथी अखबार ‘कायहान’ के संपादक हुसैन शरीअतमदारी ने इस हमले के बाद अमेरिका को खुली धमकी दी है. उन्होंने टेलीग्राम पर एक संदेश जारी कर कहा है कि ईरान को बिना देर किए और किसी हिचक के पहले कदम के तौर पर बहरीन में मौजूद अमेरिकी नौसेना के ठिकानों पर मिसाइल हमले शुरू कर देने चाहिए. साथ ही, ईरान को तुरंत होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर देना चाहिए, जो दुनियाभर में तेल सप्लाई का एक प्रमुख रास्ता है. शरीअतमदारी ने अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस की शिपिंग को निशाना बनाने की भी वकालत की है.

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हालांकि इस हमले के बाद भी अमेरिका और ईरान के बीच पूर्ण युद्ध की आशंका कम मानी जा रही है. अमेरिका के रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के पूर्व अधिकारी माइकल रूबिन का मानना है कि वाशिंगटन का उद्देश्य इस संघर्ष को व्यापक युद्ध में बदलना नहीं है. उन्होंने ANI से बातचीत में कहा कि अमेरिका, यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र और यहां तक कि खुद डोनाल्ड ट्रंप भी इस तनाव को खत्म करने के लिए कूटनीतिक विकल्प तलाश रहे हैं.

रूबिन का कहना है कि अमेरिका की रणनीति ईरान की सत्ता को गिराने की नहीं है, बल्कि उसे सीमित करने की है. जबकि इजरायल की मंशा ईरान में शासन परिवर्तन की हो सकती है, अमेरिका चाहता है कि अगर सत्ता परिवर्तन होता भी है, तो वह व्यवस्थित हो, न कि अराजकता के रूप में. उनका मानना है कि अगर खामेनेई पीछे हटते हैं, तो ईरान में सत्ता का हस्तांतरण किसी नए नेतृत्व को हो, जिससे देश में स्थिरता बनी रहे.

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पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने यह भी कहा कि ईरान को अब जवाबी कार्रवाई से ज्यादा समझदारी से काम लेना चाहिए और बातचीत के रास्ते खुले रखने चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईरान कोई प्रतिशोध करता है, तो अमेरिका की प्रतिक्रिया बहुत गंभीर होगी. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि अगर ईरान ने कोई आक्रामक कदम उठाया, तो अमेरिका “बहुत बड़ी ताकत” से जवाब देगा.

इस बीच यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने भी प्रतिक्रिया दी है. हूती राजनीतिक ब्यूरो के वरिष्ठ सदस्य हिजाम अल-असद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा है कि परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों के लिए ट्रंप सीधे जिम्मेदार हैं और उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. इससे पहले हूती बलों ने बयान जारी कर कहा था कि वे लाल सागर में अमेरिकी युद्धपोतों को निशाना बनाने की तैयारी कर चुके हैं. इन घटनाओं से साफ है कि अमेरिका का यह हमला एक बड़ी श्रृंखला की शुरुआत हो सकती है, और आने वाले दिनों में पश्चिम एशिया और खाड़ी क्षेत्र में सैन्य टकराव और अधिक गहराने की आशंका है.

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