200 विमान से 100 ठिकानों पर हमला
इजराइल के हमले का कारण ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को बताया है. इजराइली सेना ने कहा कि ईरान के लगभग 100 ठिकानों पर शुरुआती हमले में करीब 200 विमान शामिल थे. वहीं दो सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि इजराइल की जासूसी एजेंसी मोसाद समय से पहले ईरान के अंदर विस्फोटक ड्रोन तैनात करने और फिर उन्हें तेहरान के पास ईरानी बेस पर मिसाइल लॉंचर को निशाना बनाने के लिए सक्रिय करने में भी सक्षम थी. उन्होंने कहा कि इजराइल ने मध्य ईरान में हथियारों के साथ-साथ वाहनों पर हमला करने वाली प्रणालियों की भी तस्करी की थी, जिन्हें ईरानी हवाई सुरक्षा पर हमला शुरू होते ही सक्रिय कर दिया गया था.
ईरान ने की जवाबी कार्रवाई
इजराइल के हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कहा कि इजराइल को इसकी कड़ी सजा दी जाएगी. अपनी पहली प्रतिक्रिया में ईरान ने इजराइल पर 100 से ज़्यादा ड्रोन दागे, इराक और जॉर्डन दोनों ने पुष्टि की कि वे उनके हवाई क्षेत्र से होकर गुजरे थे. इस बीच अमेरिका ने एक बार फिर ईरान से अपने परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिकी के साथ समझौता करने की अपील की साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर चेतावनी दी कि इजराइल के हमले और भीषण होंगे. ट्रंप ने कहा “अब भी समय है कि इस नरसंहार को रोका जाए, क्योंकि पहले से योजनाबद्ध आगामी हमले और भी भीषण होंगे.”
इजराइल ने तैनात की सेना
ईरान से बढ़े टेंशन के बीच इजराइल ने अपनी सेना को पूरे देश में सभी युद्ध क्षेत्रों में तैनात कर दिया है. इजराइल का ईरान पर हमला जारी है. ऐसे में ईरान भी बड़ा जवाबी हमला कर सकता है. इजराइली सेना ने कहा कि वह रक्षा और आक्रमण की तैयारी के तहत विभिन्न सैन्य इकाइयों से रिजर्व सैनिकों को बुला रही है. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब इजराइल अपनी सीमा पर ईरान या ईरानी छद्म समूहों से जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.
अमेरिका ने भेजा युद्धपोत
इजराइल की ओर से ईरान के ठिकानों पर किये गए हमले के बाद खाड़ी देश की ओर से जवाबी कार्रवाई किये जाने की आशंका को देखते हुए अमेरिका अपने युद्धपोतों सहित सैन्य संसाधनों को पश्चिम एशिया भेज दिया है. अमेरिका ने नौसेना ने विध्वंसक पोत यूएसएस थॉमस हडनर को पूर्वी भूमध्य सागर की ओर बढ़ने का निर्देश दिया है और दूसरे विध्वंसक पोत को भी आगे बढ़ने को कहा है.