Iran Israel War: बीते 12 दिनों से ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर एक बड़ा राजनीतिक मोड़ तब आया जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धविराम की घोषणा की. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि दोनों देशों के बीच सीजफायर पर पूरी सहमति बन गई है और अगली 12 घंटों के भीतर यह संघर्ष आधिकारिक रूप से खत्म माना जाएगा. हालांकि, ईरान ने ट्रंप के इस बयान को तुरंत खारिज कर दिया.
ट्रंप ने बताया “शांति” का क्षण (Iran Israel War)
सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने इजरायल और ईरान की “सहनशीलता, बुद्धिमत्ता और साहस” की प्रशंसा करते हुए इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया. उन्होंने दावा किया कि यह एक ऐसी जंग थी, जो मिडिल ईस्ट को तबाह कर सकती थी और वर्षों तक चल सकती थी, लेकिन समय रहते शांति की राह चुनी गई. उन्होंने दोनों देशों के भविष्य को “प्रेम, समृद्धि और असीम संभावनाओं” से भरा हुआ बताया. ट्रंप ने यह भी कहा कि इजरायल और ईरान स्वयं उनके पास आए और शांति की इच्छा जाहिर की. उन्होंने इसे मिडिल ईस्ट और पूरी दुनिया की जीत बताया.
Destroyed nuclear facilities, no dead Americans and no forever war with Iran seems like a big win to me. My father was never looking to plunge us into a prolonged conflict and those of us who know him best knew all along that his endgame was peace. America First! pic.twitter.com/SUBpJ81GdS
— Donald Trump Jr. (@DonaldJTrumpJr) June 23, 2025
सीजफायर से ठीक पहले ईरान ने किया अमेरिकी एयरबेस पर हमला (Iran Israel War)
ट्रंप की घोषणा से कुछ ही समय पहले ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी एयरबेस ‘अल उदीद’ पर मिसाइलें दागीं. इस पर ट्रंप ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ईरान की यह प्रतिक्रिया “कमजोर और अपेक्षित” थी. उनके मुताबिक, ईरान ने 14 मिसाइलें दागीं, जिनमें से 13 को अमेरिकी डिफेंस सिस्टम ने रोक लिया जबकि एक मिसाइल को “गैर-खतरनाक” मानकर आगे बढ़ने दिया गया. यह हमला ऐसे वक्त में हुआ जब अमेरिका और उसके सहयोगी देश ईरान की परमाणु ठिकानों को निशाना बना चुके थे. अमेरिका का दावा है कि ईरान की जवाबी कार्रवाई सीमित और प्रभावहीन रही.
खामेनेई का अमेरिकी विरोधी पोस्ट और क्षेत्रीय प्रतिक्रिया (Iran Israel War)
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस पूरे घटनाक्रम के बीच एक तीखा पोस्ट किया जिसमें जलते हुए अमेरिकी झंडे और धुएं से भरे युद्धग्रस्त इलाके की तस्वीर थी. उन्होंने लिखा, “हमने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन हम उत्पीड़न सहन नहीं करेंगे और किसी के सामने झुकेंगे नहीं.”
कतर ने अमेरिकी एयरबेस पर ईरानी हमले की निंदा की और कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखता है. कतर के अनुसार, मिसाइलें दोहा के दक्षिण-पश्चिम स्थित अल उदीद बेस को निशाना बना रही थीं, लेकिन सफलतापूर्वक रोकी गईं. इस बेस में लगभग 10,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं.संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और कुवैत जैसे देशों ने सुरक्षा कारणों से अपने सैन्य अड्डे अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं.
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ईरान ने किया ट्रंप के दावे को खारिज (Iran Israel War)
सीजफायर के ट्रंप द्वारा किए गए ऐलान को ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने पूरी तरह खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि “ईरान पर हमला इजरायल ने किया है और हम जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं. अभी तक कोई औपचारिक युद्धविराम समझौता नहीं हुआ है.” अराघची ने स्पष्ट किया कि ईरान तब तक सैन्य कार्रवाई रोकने को तैयार नहीं है, जब तक इजरायली सेना तेहरान समयानुसार सुबह 4 बजे तक अपने हमले बंद नहीं करती. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा.
क्या वाकई थम रही है जंग या फिर नया अध्याय शुरू होने वाला है?
इस घटनाक्रम ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वास्तव में मिडिल ईस्ट एक बड़े युद्ध से बच गया है, या फिर यह केवल एक अस्थायी विराम है? एक ओर ट्रंप की ओर से शांति का दावा किया गया, वहीं ईरान अब भी स्पष्ट और ठोस सीजफायर से इंकार कर रहा है. ऐसे में यह कहना जल्दबाजी होगी कि युद्ध पूरी तरह थम गया है. जहां ट्रंप इस घटनाक्रम को अपनी कूटनीतिक सफलता के रूप में पेश कर रहे हैं, वहीं ईरान की तरफ से मिले विरोधाभासी संकेत यह साफ करते हैं कि जमीनी हकीकत अभी कुछ और है. आने वाले 24 घंटे इस पूरे टकराव के भविष्य की दिशा तय करेंगे कि क्या यह वाकई अंत है, या एक नई शुरुआत?
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