Iran Missile Hits Israel Hospital: मध्य-पूर्व में तनाव एक नए स्तर पर पहुंच गया है. ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष के सातवें दिन गुरुवार तड़के एक बड़ा हमला हुआ, जिसमें दक्षिणी इजरायल के एक प्रमुख अस्पताल को निशाना बनाया गया. यह हमला उस समय हुआ जब ईरान ने इजरायल के कई इलाकों पर मिसाइल और ड्रोन से भीषण हमला बोला. जवाब में, इजरायल ने ईरान के अराक भारी जल रिएक्टर पर हवाई हमला किया.
अस्पताल पर सीधा हमला
ईरान की ओर से छोड़ी गई एक मिसाइल इजरायल के दक्षिणी शहर बेर्शेबा में स्थित ‘सोरोका मेडिकल सेंटर’ पर आ गिरी. यह अस्पताल इजरायल के दक्षिणी हिस्से के लगभग 10 लाख लोगों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है. इसमें 1,000 से अधिक बिस्तर हैं. अस्पताल प्रशासन के अनुसार, मिसाइल हमले से इमारत के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए और आपातकालीन कक्ष में कई लोग घायल अवस्था में लाए गए हैं. फिलहाल अस्पताल को नए मरीजों के लिए बंद कर दिया गया है और केवल गंभीर स्थिति वाले रोगियों को ही भर्ती किया जा रहा है.
इजरायली मीडिया में प्रसारित वीडियो फुटेज में अस्पताल की टूटी खिड़कियां और आसपास उठता काला धुआं देखा जा सकता है. बताया गया है कि कई इमारतों में आग लग गई और इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. हालांकि घायल लोगों की सही संख्या को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
इजरायल का जवाबी हमला
ईरान के इस हमले के तुरंत बाद इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान के अराक भारी जल रिएक्टर पर हमला किया. यह रिएक्टर तेहरान से लगभग 250 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और ईरान के परमाणु कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. ईरान के सरकारी टेलीविजन के अनुसार, हमले के समय रिएक्टर को खाली करा लिया गया था और आसपास के इलाकों में किसी प्रकार के विकिरण का खतरा नहीं है. इजरायल ने हमले से पहले चेतावनी जारी करते हुए नागरिकों से क्षेत्र छोड़ने की अपील की थी.
यह रिएक्टर परमाणु रिएक्शन के दौरान भारी जल का उपयोग करता है, जो प्लूटोनियम उत्पन्न करता है. प्लूटोनियम का उपयोग परमाणु हथियारों के निर्माण में किया जा सकता है, इसलिए यह स्थान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संवेदनशील माना जाता है. हालांकि अभी तक इस हमले में हुए संभावित जानमाल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है.
ईरानी हमले में बढ़ता नुकसान
वर्तमान संघर्ष में अब तक ईरान ने इजरायल पर लगभग 400 मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन दागे हैं. इन हमलों में इजरायल के कई हिस्सों में भारी नुकसान हुआ है, खासकर तेल अवीव और मध्य इजरायल के रिहायशी इलाकों में. कई मिसाइलें अपार्टमेंट बिल्डिंग्स पर गिरीं, जिससे इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं और कई नागरिक घायल हुए. इजरायल की मैगन डेविड एडम बचाव सेवा के अनुसार, अब तक कम से कम 40 लोग घायल हो चुके हैं.
संघर्ष में जान-माल की भारी क्षति
वाशिंगटन स्थित ईरानी मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक इस संघर्ष में ईरान के अंदर 263 नागरिकों सहित कुल 639 लोगों की मौत हुई है, जबकि 1,300 से अधिक लोग घायल हुए हैं. वहीं, इजरायल में इन हमलों के कारण कम से कम 24 लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हैं.
अमेरिका को चेतावनी
ईरान के सर्वोच्च नेता ने हाल ही में एक बयान जारी कर अमेरिका को चेतावनी दी थी कि अगर वह इस संघर्ष में हस्तक्षेप करता है, तो उसे “अपूरणीय क्षति” का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने अमेरिका के आत्मसमर्पण के किसी भी आह्वान को सिरे से खारिज कर दिया. ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र को अस्थिरता की ओर धकेल दिया है. दोनों देशों के बीच चल रही सैन्य कार्रवाई न सिर्फ सीमित जवाबी कार्रवाई तक सीमित रही है, बल्कि अब नागरिक ठिकानों, अस्पतालों और परमाणु प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया जा रहा है. आने वाले दिनों में अगर यह संघर्ष इसी तरह जारी रहा, तो इसके क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव गंभीर हो सकते हैं.
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