ऑस्ट्रेलिया के नाम पर धोखा, ईरान में अगवा हुए पंजाब के तीन युवकों को तेहरान पुलिस ने बचाया

Iran Rescues Three Abducted Indians: ऑस्ट्रेलिया भेजने के झांसे में ईरान पहुंचे पंजाब के तीन युवकों को अगवा कर लिया गया था. तेहरान पुलिस ने कार्रवाई कर उन्हें सकुशल छुड़ा लिया. जांच अभी जारी है.

By Aman Kumar Pandey | June 4, 2025 10:25 AM
an image

Iran Rescues Three Abducted Indians: ईरान में पिछले एक महीने से लापता तीन भारतीय नागरिकों को तेहरान पुलिस ने एक विशेष अभियान के तहत मुक्त करा लिया है. इनकी पहचान पंजाब के तीन युवकों संगरूर निवासी हुशनप्रीत सिंह, एसबीएस नगर के जसपाल सिंह और होशियारपुर के अमृतपाल सिंह के रूप में हुई है. तीनों युवकों को ऑस्ट्रेलिया में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर ईरान भेजा गया था, लेकिन तेहरान पहुंचते ही उन्हें अगवा कर लिया गया.

ईरान की अर्द्ध-सरकारी मीडिया एजेंसी तस्नीम न्यूज ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी साझा की है. इसके साथ ही भारत में मौजूद ईरानी दूतावास ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बताया कि तीनों भारतीय अब सुरक्षित हैं और उन्हें छुड़ा लिया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये तीनों युवक एक स्थानीय ट्रैवल एजेंट के झांसे में आ गए थे, जिसने उन्हें ऑस्ट्रेलिया में नौकरी का लालच दिया. एजेंट ने पहले ऑस्ट्रेलिया की फ्लाइट का वादा किया लेकिन अंतिम समय में फ्लाइट की योजना बदलकर उन्हें ईरान भेज दिया. 1 मई को जब वे तेहरान पहुंचे, उसी दिन उन्हें अगवा कर लिया गया.

परिवारों को कुछ समय बाद अपहरण की सूचना मिली और फिरौती की मांग भी की गई. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, संगरूर निवासी हुशनप्रीत की मां ने आरोप लगाया कि एजेंट ने परिवार से मोटी रकम वसूली लेकिन उसके बेटे को गुमराह कर ईरान भेजा. परिवार को कुछ वीडियो और तस्वीरें भी भेजी गईं, जिनमें तीनों युवकों के हाथ बंधे हुए थे और शरीर पर चोटों के गहरे निशान थे. तेहरान पुलिस को अपहरण की सूचना उसी दिन दे दी गई थी, जिस दिन ये युवक तेहरान पहुंचे थे. कई हफ्तों की छानबीन के बाद पुलिस ने ईरान के वरामिन शहर में एक ठिकाने पर छापा मारा और तीनों भारतीयों को वहां से छुड़ा लिया.

इसे भी पढ़ें: किस धर्म के लोग सबसे ज्यादा अमीर? हिंदू या मुसलमान… 

29 मई को नई दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास ने भी पुष्टि की थी कि यह मामला जांच में है. अब जब तीनों सुरक्षित हैं, तो भारतीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर उन्हें स्वदेश लाने की प्रक्रिया भी तेज की जा रही है. यह मामला न सिर्फ मानव तस्करी के खतरों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह बेरोजगारी और बेहतर जीवन की उम्मीद में युवा एजेंटों के झांसे में आकर अपनी जान जोखिम में डाल बैठते हैं.

इसे भी पढ़ें: महिला सांसद ने खुद की नंगी फोटो संसद में दिखाई, लेकिन क्यों?

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version