रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह बचाव अभियान इजरायल की जनसंख्या और आप्रवासन प्राधिकरण, इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) और न्याय मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों से गुरुवार रात को पूरा किया गया. भारतीय दूतावास ने पुष्टि की है कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें इजरायल वापस लाया गया है. दूतावास ने यह भी बताया कि मामले की जांच जारी है और वे इजरायली अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं ताकि मजदूरों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके.
सूत्रों के अनुसार, इन मजदूरों को वेस्ट बैंक के अल-जायेम गांव में फंसाया गया था. वहां कुछ लोगों ने उनके पासपोर्ट का दुरुपयोग कर इजरायल में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश की थी. इजरायली सेना ने इस फर्जीवाड़े का पता लगाया और पासपोर्ट को उनके वास्तविक मालिकों को लौटा दिया.
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गौरतलब है कि पिछले एक साल में लगभग 16,000 भारतीय मजदूर इजरायल के निर्माण क्षेत्र में काम करने पहुंचे हैं. यह भर्ती प्रक्रिया 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद शुरू हुई थी, जब इजरायल ने हजारों फिलिस्तीनी मजदूरों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था.
फिलहाल, बचाए गए मजदूरों को एक सुरक्षित स्थान पर रखा गया है और उनकी रोजगार स्थिति की समीक्षा की जा रही है. इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय श्रमिकों की सुरक्षा और विदेशों में उनके अधिकारों को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. भारतीय दूतावास ने मजदूरों के परिवारों को आश्वस्त किया है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.